Datia News : दतिया । दतिया मेडिकल काॅलेज में पिछले डेढ़ वर्षों से नर्सिंग स्टाफ की भर्ती रूकी हुई थी। प्रशासनिक स्तर पर बजट स्वीकृति के प्रयासों के बाद भर्ती प्रकिया शुरू की गई थी। 240 पदों के लिए प्रदेश भर से नर्सिंग स्टाफ के लिए लगभग एक हजार उम्मीदवार दतिया मेडिकल काॅलेज में आए थे। इसके बाद नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए तीन सदस्यीय पैनल ने इनके साक्षात्कार भी लिए और भर्ती प्रकिया पूरी कर ली गई। इसी दौरान यह नियम आ गया कि इसके लिए उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा भी देना होगी। जिसकी कोई तारीख अभी तय नहीं है।
इधर ग्वालियर में बिना लिखित परीक्षा के ही वहां साक्षात्कार में सफल रहे नर्सिंग स्टाफ को नियुक्ति दे दी गई है। ऐसे में उम्मीदवारों का रिजल्ट भी अटक गया है, जो अन्य स्थानों से नौकरी छोड़कर सरकारी संविदा नियुक्ति के फेर में यहां साक्षात्कार देने आए थे। दतिया मेडिकल कालेज प्रशासन का कहना है कि इसमें हम क्या कर सकते है, जैसे शासन के निर्देश होंगे हमें उसका पालन तो करना ही पड़ेगा। जबकि मेडिकल कालेज में पैरामेडिकल स्टाफ अभी उपलब्ध ही नहीं है, जिला चिकित्सालय के भरोसे मेडिकल कालेज का काम चल रहा है।
दतिया मेडिकल कॉलेज में 240 नर्सिंग स्टाफ पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी। इस भर्ती में अब मामला यहां अटक गया है कि भर्ती के बाद तीन माह बाद एग्जाम एनआरएचएम (नेशनल रूलर हेल्थ मिशन) के माध्यम से ली जाएगी। एनआरएचएम के प्रमुख आईएएस संजय शुक्ला है। उन्होंने अभी तक इस एग्जाम की कोई तारीख तय नहीं की है। इस मामले में एनआरएचएम के डायरेक्टर छवि भारद्वाज का कहना है कि शासन से ही इस तरह के आदेश आए हैं कि भर्ती के बाद एग्जाम ली जाए। अभी एग्जाम 3 महीने बाद यदि ली जाती है तो जो उम्मीदवार अन्य स्थानों से छोड़कर यहां ज्वाइन करने आएंगे या ज्वाइनिंग के दौरान उन्हें कोई अन्य मौका भी मिलता है तो वे नहीं जा पाएंगे। यह एग्जाम 3 माह बाद ली जा रही है। ऐसे में जो लोग अन्य स्थानों से छोड़कर आए हैं, वे प्रत्याशी भी बाद में परीक्षा में फेल हो जाते हैं तो उनके हाथ में पुरानी नौकरी भी चली जाएगी।
ग्वालियर और दतिया में भर्ती के अलग-अलग नियम
ग्वालियर में भर्ती के लिए 176 पदों की भर्ती के लिए सीधी भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। इसके तहत ग्वालियर हॉस्पिटल में यह भर्ती कर भी ली है, जबकि दतिया में उसके साक्षात्कार कर लिए गए हैं और रिजल्ट अभी घोषित नहीं किया गया है। अब साक्षात्कार में सफल उम्मीदवारों के लिखित परीक्षा के पास करने के बाद ही ये रिजल्ट घोषित किया जाएंगे। इस पर यह सीधी भर्ती की श्रेणी में कैसे आ गई। एक ही संभाग भर्ती के लिए दो नियम कैसे हो सकते है।
जिला चिकित्सालय के भरोसे है मेडिकल कॉलेज
दतिया मेडिकल कॉलेज के पास वर्तमान में सिर्फ विशेषज्ञ डॉक्टर ही उपलब्ध है। इसके अलावा कोविड-19 के 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के अलावा अन्य कोई सुविधा नहीं है। पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं के लिए मेडिकल कॉलेज को जिला चिकित्सालय का निर्भर रहना पड़ता है। इसीको लेकर कुछ दिनों पूर्व स्थानीय सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेज के डीन के बीच विवाद की स्थिति बनी थी। जिसमें दोनों पक्षों को सार्वजनिक पत्र भी जारी करने पड़े थे। सिविल सर्जन ने मेडिकल कॉलेज से अपना पैरामेडिकल स्टाफ वापस मांग लिया था। अब इस तरह दोहरे आदेशों के चलते जहां सुविधाएं लोगों को नहीं मिल पा रही है, वहीं यहां पर साक्षात्कार देने आए नर्सिंग स्टाफ के उम्मीदवारों के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। बता दें कि इन्हें 3 माह तक संविदा पद पर 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिए जाने का प्रावधान है। उसके बाद नर्सिंग स्टाफ को वेतनमान लागू किया जाना प्रस्तावित किया गया है।
गृहमंत्री ने किए थे प्रयास
स्थानीय दतिया मेडिकल कॉलेज के पैरामेडिकल स्टाफ के लिए बजट स्वीकृति के लिए स्थानीय विधायक व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी प्रयास किए थे। तब जाकर मेडिकल कालेज में भर्ती की स्थिति बनी है, इसके बावजूद अब यह दोहरा नियम आने से मेडिकल कॉलेज में फिर से नर्सिंग स्टाफ की भर्ती रुक गई है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज दतिया के डीन डॉ.राजेश गौर का कहना है कि उम्मीदवारों को बुलाकर साक्षात्कार कर लिए गए हैं। परिणाम संबंधी तैयारियां भी कर ली गई है। अभी शासन द्वारा निर्देश दिए गए कि नर्सिंग स्टाफ की भर्ती से पूर्व एक लिखित परीक्षा करवाई जानी है। इसके लिए हम लोग जल्द तारीख घोषित कर देंगे। लिखित परीक्षा के लिए शासन के निर्देश है और वह जरूरी है। अतः जब भी इस संबंधी आदेश होंगे, उसके बाद भी परिणाम का विश्लेषण कर रिजल्ट घोषित कर देंगे। ग्वालियर में सीधी भर्ती कैसे की गई, इस बारे में वहां के प्रभारी ही बता सकते हैं।