नई दिल्ली : आइसीसी ने बीसीसीआइ को भारत में कोरोना संकट के बीच टी-20 विश्व कप की मेजबानी पर फैसला लेने के लिए 28 जून तक का समय दिया है । आइसीसी बोर्ड की मंगलवार को हुई ऑनलाइन बैठक में भारत की नुमाइंदगी बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने की। टी-20 विश्व कप इस साल अक्टूबर-नवंबर में होना है।
बीसीसीआइ ने एक महीने का समय मांगा था, जो आइसीसी बोर्ड ने सर्वसम्मति से दे दिया। आइसीसी बोर्ड के एक करीबी सूत्र ने बताया, ‘हां, आइसीसी बोर्ड ने बीसीसीआइ का अनुरोध मान लिया है और उनके पास भारत में टी-20 विश्व कप की मेजबानी पर फैसला लेने के लिए 28 जून तक का समय है।
वे अगले महीने ठोस योजना के साथ बोर्ड के समक्ष फिर आएंगे।’ बीसीसीआइ अगर टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं कर पाता है तो इसे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित किया जाएगा। इससे पहले वहां आइपीएल होना है, जो 10 अक्टूबर तक चलेगा।
ऐसे में मेजबानी का अधिकार बीसीसीआइ के पास रह सकता है। इसके साथ ही आइसीसी बोर्ड ओमान के मस्कट को भी वैकल्पिक स्थल के तौर पर देख रहा है और वह वहां टी-20 विश्व कप के प्रारंभिक दौर के मैच करा सकता है।
अक्टूबर-नवंबर में संभव नहीं होने पर बीसीसीआइ 2022 में भी कुछ विंडो तलाश रहा है। आइसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने कहा, ‘बीसीसीआइ भारत में वैश्विक टूर्नामेंट की मेजबानी करना चाहता है। वे यह मौका छोड़ना नहीं चाहते। आइसीसी बोर्ड दो और विंडो तलाश रहा है।

एक फरवरी 2022 है, लेकिन उसी समय महिला वनडे विश्व कप भी होना है। दूसरा विकल्प अगले आइपीएल के बाद जून में है, लेकिन ऐसे शहर तलाशने होंगे जहां मानसून का असर नहीं होगा।
इसके चार महीने के भीतर ऑस्ट्रेलिया में एक और टी-20 विश्व कप होना है।’ समझा जाता है कि बीसीसीआइ ने बताया है कि 900 करोड़ रुपये की कर छूट के बारे में सरकार से बात की जा रही है और बोर्ड ताजा जानकारी देता रहेगा।
इसके अलावा अगले चक्र में चार और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) कराने का भी फैसला लिया गया, जो 2023 से 2031 के बीच आठ साल के चक्र में खेली जाएंगी। पहली डब्ल्यूटीसी का फाइनल भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 से 22 जून तक खेला जाएगा।