कोलकाता : हाल में संपन्न बंगाल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ ‘बाहरी’ का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को ममता ने लगातार बाहरी बताया था, पर हकीकत यह है कि उनकी सरकार में मुख्य सचिव, गृह सचिव व स्वास्थ्य सचिव से लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) तक सभी अधिकारी हिंदीभाषी हैं। इन सभी शीर्ष अधिकारियों का ताल्लुक बिहार, उत्तर प्रदेश व हरियाणा से है।
मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी व गृह सचिव बीपी गोपालिका की नियुक्ति दो दिन पहले ही ममता ने की है। दोनों ने मंगलवार, एक जून को ही कार्यभार संभाला।
1988 बैच के बंगाल कैडर के वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी द्विवेदी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के निवासी हैं। मुख्य सचिव से पहले वह गृह सचिव के पद पर थे। वहीं, नए गृह सचिव बने बीपी गोपालिका मूल रूप से पटना के रहने वाले हैं।
1989 बैच के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी गोपालिका इससे पहले पशुपालन विभाग में प्रधान सचिव थे। डीजीपी हरियाणा के मूल निवासी डीजीपी के पद पर एक साल से ज्यादा समय से तैनात वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) अधिकारी वीरेंद्र भी मूलत: हरियाणा के रहने वाले हैं।
इसी तरह राज्य में कई और अहम पदों पर हिंदीभाषी अधिकारी काबिज हैं, जो ममता के चहेते माने जाते हैं। स्वास्थ्य सचिव के पद पर करीब एक साल से तैनात नारायण स्वरूप निगम भी मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इससे पहले वह परिवहन सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
ममता के सुरक्षा निदेशक भी हिंदीभाषी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुरक्षा निदेशक के पद पर तैनात वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी विवेक सहाय भी हिंदीभाषी हैं, जो पटना के रहने वाले हैं। राज्य में कई जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस आयुक्त भी हिंदीभाषी हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिफ आफताब भी बिहार से ही हैं। इससे पहले कुछ साल पूर्व लंबे समय तक कोलकाता के पुलिस आयुक्त पद पर तैनात रहे राजीव कुमार भी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। कुमार ममता के बेहद करीबी अधिकारियों में शामिल रहे हैं जिनके लिए वह केंद्र तक से टकरा गई थीं।