कानपुर सेंट्रल पर फर्जी नौकरी करते पकड़े गए 13 युवकों को पुलिस ने माना पीड़ित, एक एजेंट को जेल

कानपुर : सेंट्रल स्टेशन पर फर्जी टीसी और पार्सल पोर्टर लगाने वाले गिरोह के एक एजेंट को राजकीय पुलिस बल (जीआरपी) ने जेल भेज दिया।दो अन्य एजेंट को शनिवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेजने की तैयारी है। जीआरपी की जांच में दो और नाम सामने आए हैं, जिसके बाद अब गैंग सरगना समेत पांच लोगों की तलाश की जा रही है। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का गुरुवार को जीआरपी ने पर्दाफाश किया था।

इस मामले में शुक्रवार को गिरोह के एजेंट देहरादून थाना नेहरू कालोनी निवासी दिनेश कुमार गौतम को जेल भेज दिया। पवन गुप्ता उर्फ रौनक और शिवनारायण त्रिपाठी उर्फ राहुल को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पकड़े गए 13 युवकों को जीआरपी ने पीड़ित मानते हुए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का निर्णय लिया।

इसमें जिन युवकों ने गिरोह सरगना को पैसा ट्रांसफर किया, उनसे साक्ष्य के साथ तहरीर भी ली और गैंग सरगना रुद्र प्रताप ठाकुर समेत पांच लोगों के खिलाफ दूसरा मुकदमा दर्ज कर लिया। बता दें कि पहला मुकदमा टिकट निरीक्षण सुनील पासवान की सूचना के आधार पर दर्ज किया गया था। जीआरपी सीओ कमरुल हसन ने बताया कि पूछताछ में अभिषेक पांडेय और मोहित के नाम सामने आए हैं।

अभिषेक काफी समय से लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहा है। पकड़े गए युवकों में अंकुर ने रुड़की के प्रापर्टी डीलर राकेश भट्ट के कहने पर उसे चार लाख रुपये ट्रांसफर किया था। इस बात के साक्ष्य भी मिले हैं। मोहित इनके लिए एजेंट के तौर पर काम करता है।

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