प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के कई वर्षों तक चलने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार से भविष्य की तैयारियों का रोडमैप मांगा है।कोर्ट ने पूछा है कि कोविड-19 के कारण भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए शासन की क्या योजना है
इसकी पूरी जानकारी दी जाए। कोरोना मामले की स्वत: योजित जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए गुरुवार को मुख्य न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्तव्य का निवर्हन कर रही है।
हम नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। अदालत ने कहा कि हम फिलहाल में कोई विपरीत नजरिया नहीं अपना रहे हैं। सरकार को अपनी कार्ययोजना बताने के लिए और समय दिया जा रहा है। सुनवाई के दौरान कुछ वकीलों ने कहा कि राज्य सरकार से जवाब एक निर्धारित समय सीमा में मांगा जाए।
इस पर खंडपीठ की मौखिक टिप्पणी थी कि क्या वायरस की कोई समय सीमा है? कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करने की आम लोगों की भी जिम्मेदारी है लेकिन, लोग मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के मानक का पालन ठीक से नहीं कर रहे हैं। जब पुलिस कोई कार्रवाई करती है तो लोग इंटरनेट मीडिया पर हंगामा मचाते हैं। मामले में अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी।
तेजी से हो रहा है टीकाकरण अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने खंडपीठ को राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
बताया कि टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 44 वर्ष और 45 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण हो रहा है। विशेष केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी भी दी।