नई दिल्ली : अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के दो साल के भीतर ही जम्मू-कश्मीर में 90 फीसद लोगों तक केंद्रीय योजनाओं का लाभ पहुंचने लगा है। केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में केंद्र शासित प्रदेश की विकास योजनाओं की समीक्षा में यह बात उभरकर सामने आई
शाह ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत अहम और प्रतिष्ठित परियोजनाओं पर काम तेज करने का निर्देश दिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ समीक्षा बैठक के दौरान अमित शाह ने सरकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से आम जनता तक पहुंचाने के लिए राज्य प्रशासन की तारीफ की।
राज्य की ओर से बताया गया कि किस तरह से सभी विकास कार्यों की जियो टैगिंग कर उसकी जानकारी आम लोगों तक पहुंचाई गई। सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल के जरिये सरकारी खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित की गई, ताकि इसमें भ्रष्टाचार नहीं हो।
यह भी सुनिश्चित किया गया कि सामाजिक सुरक्षा एवं व्यक्तिगत लाभार्थी योजनाओं में सभी लाभार्थियों के खाते में सीधे राशि जमा हो। गृह मंत्री शाह ने कुल 76 फीसद और चार जिलों में 100 फीसद टीकाकरण के लिए राज्य प्रशासन की सराहना की।
समीक्षा के दौरान शाह ने 3,000 मेगावाट की पाकल दुल एवं कीरू जल विद्युत परियोजना के काम में तेजी लाने और 3,300 मेगावाट की दूसरी परियोजनाओं पर तत्काल काम शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और जनता तक इसका लाभ पहुंचना चाहिए।
पंचायत संस्थाओं की मजबूती पर बल पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव से निचले स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के बाद अमित शाह ने उन्हें और मजबूत बनाने और उनके सदस्यों के प्रशिक्षण की जरूरत बताई।
उन्होंने पंचायत सदस्यों को भारत भ्रमण कराने का भी निर्देश दिया ताकि वे देश में बेहतर काम करने वाली पंचायतों के कामकाज की जानकारी हासिल कर सके। किसानों की स्थिति सुधारने की जरूरत अमित शाह ने राज्य प्रशासन को किसानों की स्थिति सुधारने के लिए और काम करने की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि खेती में अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल, हर जिले में कम से कम एक खेती आधारित उद्योग और सेब की उत्पादन व गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए।
इसके साथ ही मनरेगा का दायरा भी बढ़ाया जाना चाहिए ताकि कोरोना के समय जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि किसान के खाते में हर साल 6,000 रुपये देने की प्रधानमंत्री की योजना और किसान किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ सभी किसानों को मिलना सुनिश्चित किया जाए।