कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस का अब अगला लक्ष्य त्रिपुरा है। दिलचस्प बात यह है कि यहां तृणमूल की जमीन वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने ही तैयार की थी। अब वह फिर से अपनी पुरानी पार्टी में लौट आए हैं और दोबारा त्रिपुरा की राजनीति में सक्रिय होते दिख रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर मुकुल त्रिपुरा में भाजपा नेतृत्व को कमजोर कर उनके बड़े नेताओं को तृणमूल के खेमे में लाने की योजना बना रहे हैं। जल्द तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और मुकुल रॉय त्रिपुरा दौरे पर निकलेंगे।
दरअसल तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करना चाहती है। पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी कुछ दिनों पहले ही इसका एलान कर चुकी हैं। मिशन त्रिपुरा उसका ही एक हिस्सा है।
बताते चलें कि त्रिपुरा में बांग्ला भाषी लोगों की आबादी अच्छी खासी है और तृणमूल इनमें अपनी पैठ जमाना चाहती है। मुकुल हैं मास्टर माइंड भाजपा के लिए त्रिपुरा में तृणमूल बड़ा सिरदर्द बन सकती है, क्योंकि त्रिपुरा में भाजपा दो खेमों में बंटी है जिसके एक खेमे में मुकुल की पैठ काफी अच्छी मानी जाती है।
त्रिपुरा की बात करें तो जब मुकुल रॉय तृणमूल में थे तो उन्होंने कांग्रेस के छह विधायकों को पार्टी में शामिल कराया था। फिर जब वे भाजपा में गए तो इन सबको भाजपा में ले गए। अभी ये सारे भाजपा के विधायक हैं। इनमें एक सुदीप रॉय बर्मन हैं, जो मुकुल रॉय के बहुत करीब हैं।
सुदीप रॉय बर्मन पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के मुख्यमंत्री बिप्लब देब से नाराज विधायकों का नेतृत्व कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन दिनों मुकुल रॉय एक बार फिर सुदीप रॉय बर्मन के संपर्क में हैं, जिससे प्रदेश में कुछ उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं।