अजब-गजब : New Delhi News : भारत में दानवीरों की कमी नहीं है। यही कारण है कि सारी दुनिया में अभी भारत दान देने वालों के मामले में सबसे ऊपर है। दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में भारत भले ही 11वें नंबर पर है, लेकिन दुनिया में सबसे ज्यादा दान देने वालों की लिस्ट में टॉप पर है। हुरुन रिसर्च और एडेलगिव फाउंडेशन की 23 जून को जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। पिछले 100 सालों में दुनिया भर के सबसे बड़े दानदाताओं की लिस्ट में टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा का नाम पहले नंबर पर है।
जमशेदजी टाटा ने पिछले 100 सालों में 102.4 अरब डॉलर, यानी करीब 7.60 लाख करोड़ रुपए दान देकर सबसे बड़े दानवीर का दर्जा हासिल किया है। यह रकम रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी की कुल नेटवर्थ 84 अरब डॉलर, यानी करीब 6.25 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।
टाटा संस ने दी 66 प्रतिशत राशि कर दी दान
हुरुन रिसर्च और एडलगिव फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, जमशेदजी टाटा के नाम पर हुए दान की रकम टाटा संस की लिस्टेड कंपनियों की कीमत का 66 प्रतिशत है। टाटा ने 1870 के दशक में सेंट्रल इंडिया स्पिनिंग वीविंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी शुरू की थी। फिर हायर एजुकेशन के लिए 1892 में जे.एन. टाटा एंडोमेंट की स्थापना की थी, जो टाटा ट्रस्ट की शुरुआत थी। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने हमेशा जमशेदजी टाटा को ‘वन मैन प्लानिंग कमीशन’ के रूप में याद किया।
रतन टाटा ने बढ़ाई यह विरासत
जमशेदजी के बाद उनकी विरासत को संभालने वाले रतन टाटा भी दान के मामले में पीछे नहीं हैं। पिछले साल मार्च में टाटा समूह ने कोरोना से लड़ने के लिए 1500 करोड़ रुपए का दान किया था, जो भारतीय बिजनेस घरानों द्वारा किया गया सबसे बड़ा दान था। हुरुन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ रिसर्चर अनस रहमान जुनैद ने कहा, ‘यह भारत के लिए गर्व की बात है कि जमशेदजी टाटा को दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी के रूप में नामित किया गया है।’
विप्रो भी दान करने में नहीं रहा पीछे
टॉप-50 दानदाताओं की लिस्ट में दूसरे भारतीय हैं अजीम प्रेमजी। इन्होंने 2010 में गिविंग प्लेज पर साइन किए। तब से वे विप्रो की कमाई का 67 प्रतिशत अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में ट्रांसफर कर देते हैं। ये फाउंडेशन ग्रामीण इलाकों में स्कूली शिक्षा पर काम करता है, जिसकी वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपए है। कोविड-19 से निपटने के लिए भी अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और विप्रो ने मिलकर 1 हजार करोड़ रुपए दान किए हैं।
दुनिया के टॉप-50 दानदाता मिलकर सालाना 2.2 लाख करोड़ रुपए दान करते हैं। 63 हजार करोड़ के साथ मैकिंजी स्कॉट हर साल सबसे ज्यादा दान करता है। कोविड-19 के लिए दान करने वालों में फोर्ड फाउंडेशन 7.4 हजार करोड़ के साथ पहले नंबर पर है। इसके बाद डब्ल्यू.के. केलॉग फाउंडेशन, ए डब्ल्यू मेलॉन फाउंडेशन शामिल हैं। टाटा ने 1500 करोड़ रुपए कोरोना के लिए दान किए हैं।
देश के सबसे बड़े दानदाता बने अजीम प्रेमजी
हुरुन और एडलगिव फाउंडेशन ने 2020 में भारत के दानदाताओं की एक लिस्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक विप्रो के फाउंडर अजीम प्रेमजी देश के दानदाताओं की लिस्ट में पहले नंबर पर रहे हैं। फाइनेंशियल ईयर 2020 में उन्होंने 7,904 करोड़ रुपए दान दिए, यानी हर दिन करीब 22 करोड़ रुपए दान किए।
फिलैंथ्रॉपी लिस्ट में प्रेमजी के बाद दूसरा नंबर HCL टैक्नोलॉजीज के फाउंडर शिव नाडर का है। उन्होंने एक साल में 795 करोड़ रुपए दान किए। वहीं, एशिया के सबसे अमीर और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी 458 करोड़ की डोनेशन के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।