ट्रैक्टर की गारंटी देना पिता को पड़ा महंगा, बेटे को घर से उठा ले गए बदमाश, 36 घंटे बाद पुलिस ने कराया मुक्त

Datia News : दतिया। पंडोखर थाना क्षेत्र से अपहृत किए गए 12 वर्षीय बालक को पुलिस ने 36 घंटे में बदमाशों के चंगुल से मुक्त करा लिया। आधा दर्जन थानों की पुलिस टीम घटना के बाद से लगातार संदिग्ध स्थानों पर दविश दे रही थी। जिससे अपहरणकर्ताओं पर दबाब पड़ा और बालक को मुक्त कराया जा सका। इस मामले में एक आरोपित को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

गत सोमवार को फरियादी करन सिंह शाक्य ने पंडोखर थाने रिपोर्ट कराई थी कि उसके पुत्र इंदल उर्फ कुवंर 12 वर्ष निवासी गुदाहा का बाइक सवार महेश पाल, लालू पाल, सरनाम पाल निवासीगण ईटोंदा गांव से अपहरण कर ले गए। नाबालिग बच्चे के अपहरण के मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी अमन सिंह ने पंडोखर थाने पहुंचकर, अपहृत के पिता से चर्चा की व घटना स्थल का निरीक्षण किया।

मौके पर ही 4 टीमों बनाई गई जिनमें एक टीम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य के साथ थाना प्रभारी पंडोखर विजय लोधी एवं यादवेंद्र सिंह थाना प्रभारी अतरेटा, सूबेदार होतम सिंह बघेल एवं दूसरी टीम में यूके दीक्षित एसडीओपी सेवढ़ा के साथ निरीक्षक रत्नेश यादव, तीसरी टीम मोहित यादव एसडीओपी भांडेर, निरीक्षक रविंद्र गुर्जर थाना प्रभारी भांडेर, उनि. अजय अंबे थाना प्रभारी सरसई एवं धर्मेंद्र कुशवाहा थाना प्रभारी दुरसड़ा एवं चौथी टीम साइबर सेल में पदस्थ आरक्षक अनिल बरगैया, अभिषेक जाट एवं आरक्षक अजय प्रताप सिंह की बनाई गई।

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इन टीमों ने अपहरणकर्ताओं के स्वजनों, रिश्तेदारों, परिचितों एवं दोस्तों की लिस्ट तैयार कर दतिया एवं भिंड जिले के संभावित स्थानों पर तथा उत्तर प्रदेश के उरई जालौन में दबिशें दी गई।

इसी बीच ग्राम बावली थाना नदीगांव जिला जालौन उप्र में चार बदमाश, एक बालक को बीहड़ की तरफ ले जाते दिखाई दिए। जिनकी घेराबंदी की गई तो बदमाश पुलिस देखकर अपह्ृत बालक को छोड़कर भाग खड़े हुए। जिसे पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में ले लिया। वहीं एक आरोपित लालू पाल पुत्र मंटू पाल को पुलिस ने पकड़ लिया।

अपहरण के संबंध में प्रथम दृष्टया पूछतांछ पर फरियादी करन सिंह ने बताया कि अपहर्ताओं को अपनी गारंटी पर उसने एक ट्रैक्टर, एजेंसी से उठवाया था लेकिन अपहर्ताओं द्वारा ट्रैक्टर की किस्त जमा न करने के कारण कंपनी की ओर से गारंटीकर्ता फरियादी को फोन लगाए जाने लगे, जिससे परेशान होकर फरियादी ने कंपनी को अपना ट्रैक्टर उठा लेने की कह दी गई।

कंपनी ने ट्रैक्टर को अपहरणकर्ताओं के घर से उठा लिया, इसी बदले की भावना से उक्त लोगों ने करन सिंह के पुत्र का अपहरण कर लिया और उस पर दबाव बनाया कि हमारा ट्रैक्टर दिलाओ तभी बच्चे को छोड़ेंगे। अपहरणकर्ताओं पर दस-दस हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। 36 घंटे में बालक को मुक्त कराने वाली उक्त टीमों को पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।

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