कोलकाता : महानगर में फर्जी टीकाकरण के खिलाफ सोमवार को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन के लिए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) मुख्यालय की तरफ बढ़ रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया।
इसको लेकर भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ जमकर झड़प हुई। पुलिस ने 51 भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस की तरफ से कोविड-19 की गाइडलाइन व लाकडाउन के मद्देनजर कार्यक्रम के लिए मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद भाजपा नेता व कार्यकर्ता विरोध मार्च निकाल रहे थे। कोलकाता के सुबोध मल्लिक स्क्वायर में भाजपा कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे से ही एकत्रित होने लगे।
यहां से निगम मुख्यालय की ओर बढ़ दिए, लेकिन पुलिस ने केएमसी कार्यालय की तरफ कूच करने के दौरान उनको सेंट्रल एवेन्यू मोड़ पर ही रोक कर हिरासत में ले लिया। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने कानून तोड़ने के आरोप में कुल 51 भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इसको लेकर आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार फर्जी टीकाकरण गिरोह के मुख्य षड्यंत्रकर्ता देबांजन देब और सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं के साथ ही केएमसी के आलाधिकारियों के बीच कथित संबंध को छिपाने की कोशिश कर रही है।
भाजपा ने इस ‘मिलीभगत’ का पर्दाफाश करने के लिए ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया था, लेकिन पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि टीएमसी जब विपक्ष में थी तब उसके नेता-कार्यकर्ता बिना किसी मंजूरी के कार्यक्रम आयोजित करते थे और अब जब हम कोई राजनीतिक कार्यक्रम करना चाहते हैं तब हमें ऐसा करने से रोका जाता है।