देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से आठ महीने पहले दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड में भी आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त बिजली का पासा फेंका है। केजरीवाल ने उत्तराखंड में आप की सरकार बनने पर हर परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया है।
उन्होंने कहा कि बिजली के पुराने बिल माफ किए जाएंगे, किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी और 24 घंटे बिजली आपूर्ति होगी। उधर, उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा व मुख्य विपक्ष कांग्रेस ने केजरीवाल के मुफ्त बिजली के वादे को चुनावी शोशा करार दिया।
देहरादून में पत्रकारों से बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उत्तराखंड बिजली का उत्पादन करता है, बिजली बेचता है, फिर भी जनता को महंगी बिजली मिल रही है। हाल ही में सरकार के एक मंत्री ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की तो अगले ही दिन उनके मुख्यमंत्री ने ऐसी किसी संभावना से मना कर दिया। आप का वादा चुनावी नहीं है।
वह सत्ता में आते ही इस पर अमल करेगी। इस पर 1200 करोड़ का व्ययभार पड़ेगा, जो 50 हजार करोड़ के सालाना बजट से आसानी से निकाला जा सकता है। इसकी प्रतिपूर्ति भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर की जाएगी। भाजपा व कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां दो पाट की तरह हैं, जिसमें उत्तराखंड की जनता पिस रही है।
बार-बार मुख्यमंत्री बदले जा रहे हैं, तो विपक्ष कांग्रेस नेता चुनने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहा है। ऐसे में उत्तराखंड की जनता और विकास के बारे में कौन सोचेगा।
इससे पहले प्रदेशभर से आए पदाधिकारियों ने अरविंद केजरीवाल से राज्य से जुड़े मुद्दों को लेकर बातचीत की। पदाधिकारियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जोनल प्रभारी व प्रकोष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान आप प्रभारी दिनेश मोहनिया, प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर, कर्नल (सेनि) अजय कोठियाल भी उपस्थित थे।
दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केजरीवाल के लुभावने वादे और चुनावी आडंबर से उत्तराखंड में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में आप का कोई वजूद नहीं है। इसलिए इस तरह के वादे किए जा रहे हैं।