अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार से पहले होगी कई मंत्रियों की छुट्टी, अजय माकन ने दिए संकेत

जयपुर : राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट में जारी तनातनी के बीच कई विधायकों ने अपनी ही सरकार के मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन से विधायकों ने कहा है कि मंत्रियों के यहां दलाल लगे हुए हैं। विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों की सुनवाई नहीं होती है, लेकिन दलालों की मर्जी से काम हो जाते हैं। विधायकों की इच्छा को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया जाता है और दलाल तबादला सूची बनाते हैं ।

विधायकों ने ऐसे पांच मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोला है, जिनकी छुट्टी होना तय माना जा रहा है। दरअसल, पार्टी की खेमेबाजी को दूर करने के साथ ही सत्ता-संगठन में बदलाव को लेकर माकन विधायकों व पार्टी के पदाधिकारियों से रायशुमारी कर रहे थे। इसी कड़ी में विधायकों ने माकन के समक्ष मंत्रियों की शिकायत की।

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सूत्रों के अनुसार माकन ने चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया और सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को मंत्री पद से हटाने के संकेत दिए हैं। शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का भी मंत्री पद जा सकता है। वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। उनको एक ही जिम्मेदारी दी जा सकती है।

अगस्त के दूसरे सप्ताह में होने वाले फेरबदल से पहले इन मंत्रियों से इस्तीफे मांगे जा सकते हैं। कांग्रेस के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया कि पंजाब की तर्ज पर यहां भी चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएंगे। हालांकि, माकन दिल्ली लौट गए हैं। अब वह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

विधायकों के बाद पार्टी पदाधिकारी मंत्रियों पर भड़के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमों के बीच चल रहे सियासी संग्राम को खत्म कराने आए माकन ने दो दिन तक विधायकों के साथ वन-टू-वन संवाद किया । शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी पदाधिकारियों से सरकार को लेकर फीडबैक लिया ।

इस दौरान कई पदाधिकारी भी मंत्रियों पर भड़क गए। प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दवाओं की कालाबाजारी हो रही थी तो मैंने चिकित्सा मंत्री को 10 बार फोन किया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की।

प्रदेश महासचिव वेदप्रकाश सोलंकी, सचिव शोभा सोलंकी, मांगीलाल गरासिया और महेंद्र गुर्जर ने कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए । विधायकों और पदाधिकारियों ने माकन से यहां तक कह दिया कि अगर खराब छवि वाले मंत्रियों को नहीं हटाया गया तो पार्टी की छवि को नुकसान होगा और जनता के बीच जाना मुश्किल होगा ।

हारे प्रत्याशियों से चर्चा नहीं किए जाने पर भी नाराजगी पार्टी के पदाधिकारियों ने करीब 100 सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों से चर्चा नहीं करने पर भी माकन के समक्ष नाराजगी जताई ।

उन्होंने कहा कि जिन निर्दलियों ने कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराया उनसे फीडबैक लिया जा रहा है। पदाधिकारियों की नाराजगी बढ़ती देख माकन ने हस्तक्षेप कर 2023 के चुनाव में फिर सत्ता में आने के लिए एकजुट करने का आहन किया ।

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