New Delhi News : नई दिल्ली । उर्वरक घोटाले को लेकर की जा रही जांच की जद में कई एनआईआर और बाहरी कंपनियां आ रही है। इसे लेकर सरकार ने िस्थति भी स्पष्ट की है। सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि 685 करोड़ रुपये के उर्वरक आयात घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कुछ अनिवासी भारतीयों (एनआरआइ) और विदेशी कंपनियों की जांच कर रहा है।
हालांकि सरकार ने उनके नाम उजागर करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इससे जांच प्रभावित हो सकती है। कांग्रेस के लोकसभा सदस्य गुरजीत सिंह औजला के सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि सीबीआइ की एफआइआर के आधार पर ईडी इफको के प्रबंध निदेशक यूएस अवस्थी की संलिप्तता वाले मनी लांड्रिंग मामले की जांच कर रही है।
मई में दर्ज की गई एफआइआर में सीबीआइ ने अवस्थी, इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक परविंदर सिंह गहलोत, अवस्थी के पुत्र एवं कैटालिस्ट बिजनेस एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर्स अमोल अवस्थी व अनुपम अवस्थी, गहलोत के पुत्र विवेक गहलोत, ज्योति ग्रुप आफ कंपनीज एवं रेयर अर्थ ग्रुप के पंकज जैन, जैन के भाई और ज्योति ट्रेडिंग
कारपोरेशन के प्रेसीडेंट संजय जैन, ज्योति ट्रेडिंग कारपोरेशन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अमरिंदर धारी सिंह को नामित किया था। इनके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं मिडास मैटल इंटरनेशनल एलएलसी और अन्य कंपनियों के प्रमोटर राजीव सक्सेना, पंकज जैन के कर्मचारी सुशील कुमार पचीसिया, इफको के अन्य अज्ञात निदेशकों व अन्य को नामित किया गया।