अयोध्या : राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अयोध्या यात्रा ऐतिहासिक होगी। रामलला का दर्शन करने वाले वह पहले राष्ट्रपति होंगे। उनसे पहले देश के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह वर्ष 1983 में अयोध्या आए थे, लेकिन उन्होंने रामलला के दर्शन नहीं किए थे।
उन्होंने कनक भवन जाकर दर्शन-पूजन किया था। उनकी अयोध्या यात्रा में कांग्रेस के पूर्व सांसद डा. निर्मल खत्री ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
नगर पालिका अयोध्या के पूर्व अध्यक्ष वयोवृद्ध महेंद्र सिंह को आज भी वह पल याद है। वह बताते हैं कि कनक भवन में काफी भीड़ थी। वह भी दर्शन के लिए पहुंचे थे। राष्ट्रपति के आगमन पर मंदिर के अंदर, जो गिने चुने लोग मौजूद थे उसमें महेंद्र सिंह भी शामिल थे।
पूर्व पालिकाध्यक्ष कहते हैं कि एक लंबा समय बीत चुका है। उस वक्त की स्मृतियां कमजोर पड़ चुकी हैं, लेकिन कनक भवन में उनके आगमन के वह चश्मदीद हैं। महेंद्र सिंह की मानें तो राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह रामजन्मभूमि परिसर नहीं गए थे।
कांग्रेस नेता हरजीत सलूजा भी राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की यात्रा के गवाह हैं। उन्हें गुरुनानकपुरा ले जाने में हरजीत का प्रयास शामिल था। 38 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर अयोध्या को राष्ट्रपति के स्वागत का मौका मिल रहा है।
देश के 14वें राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द रामलला के दर्शन करेंगे। वह कनक भवन, हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के अलावा सरयू आरती भी कर सकते हैं। तैयारी ने पकड़ा जोर : 29 अगस्त को आ रहे राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के आगमन को लेकर तैयारी शुरू हो गई है।
अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा एवं एसएसपी शैलेश पांडेय ने अयोध्या जंक्शन का जायजा लिया। वहीं राष्ट्रपति की स्पेशल ट्रेन का ठहराव होगा। अधिकारियों ने स्टेशन परिसर का भ्रमण कर राष्ट्रपति के निकास एवं प्रवेश की व्यवस्थाएं देखीं। अधिकारियों ने रामजन्मभूमि परिसर का भी जायजा लिया