कोरोना जांच का नया तरीका ढूंढा, अब सस्ती और सही तरीके से हो सकेगी जांच

Washington News : वाशिंगटन । कोरोना जांच के लिए शोधकर्ताओं ने सस्ता, जल्दी और अधिक सही परिणाम देने वाला तरीका ढूंढ निकाला है। इसमें सार्स सीओवी-2 वायरस का पता लगाने के लिए पेंसिल की लीड में इस्तेमाल होने वाले गे्रफाइट से बने इलेक्ट्रोड से टेस्ट किया जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार लो कास्ट इलेक्ट्रोकेमिकल एडवांस्ड डायग्नोस्टिक (लीड) टेस्ट लार के सैंपल से सौ फीसद सही परिणाम दे सकता है।

नाक के जरिए लिए गए सैंपल से यह 88 फीसद तक सही परिणाम दे सकता है। अमेरिका में पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय की एक टीम ने पाया कि अभी जिन तरीकों से कोरोना का टेस्ट किया जा रहा है, वह अधिक समय लेने के बावजूद सटीक परिणाम देने की सीमित क्षमता रखते हैं।

फिलहाल इस्तेमाल किए जा रहे कोरोना टेस्ट के तरीके काफी महंगे हैं और इन्हें प्रयोग में लाने व परिणाम की विवेचना करने के लिए पेशेवर लोगों की जरूरत होती है।

पीएनएएस जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड से किया जाने वाला कोरोना टेस्ट करीब डेढ़ डालर यानी लगभग 115 रुपये में हो जाएगा। इसका परिणाम आने में भी करीब साढ़े छह मिनट का समय ही लगेगा। इसमें इलेक्ट्रोड के जुड़ने से एक संकेत मिलता है जिससे संक्रमण के बारे में जानकारी होती है।

इसके पहले शोधकर्ताओं ने रैपिड नाम की टेस्ट किट पर काम किया था, लेकिन बाद में कम खर्चे वाली गे्रफाइट इलेक्ट्रोड वाली विधि विकसित की। पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर का कहना है कि लीड को आसानी से किसी के भी द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसमें इस्तेमाल सामग्री सस्ती है और आसानी से उपलब्ध है। हम इसमें उसी गे्रफाइट का प्रयोग कर रहे हैं जिससे पेंसिल की लीड बनाई जाती है। इससे कोरोना जांच तक कम आमदनी वाले लोगों की पहुंच आसानी से हो जाएगी।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter