भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के मंत्री हरदीप सिंह डंग ने सुझाव दिया है कि गोपालन के लिए शासकीय कर्मचारियों से पांच सौ रुपये प्रति माह टैक्स के रूप में लिए जाएं। यह राशि उन अधिकारियों-कर्मचारियों से ली जाए, जिनका वेतन 25 हजार रुपये से ज्यादा हो।
एकत्रित राशि गोशालाओं को दी जाए। यही नहीं, किसी किसान को भूमि क्रय-विक्रय करने की अनुमति भी तभी दी जाए, जब वह गाय पाले। चुनाव लड़ने की इजाजत भी चुनाव आयोग उसे ही दे, जो गाय पाले या गोसेवा करे।
उधर, कांग्रेस ने इसे मूल मुद्दों से ध्यान बांटने की कवायद करार दिया। प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से चर्चा के दौरान नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि गोमाता की रक्षा करने का धर्म हम सभी का है। यह सिर्फ नारे तक सीमित नहीं रहना चाहिए। विधानसभा में भी मैंने इस बात को रखा था। मैं चुनाव आयोग को पत्र लिखूंगा कि यह अनिवार्य किया जाए कि जो व्यक्ति चुनाव लड़ना चाहता है, उसे गाय पालना चाहिए।
यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसका नामांकन निरस्त किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताया और कहा कि पार्टी सहित अन्य मंचों पर इस बात को रखूंगा। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि उन्होंने लोगों से गोपालन को लेकर अपील की है। इसमें कोई बुराई नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और प्रवक्ता रवि सक्सेना ने मंत्री के सुझाव पर कहा कि उन्हें यह जवाब देना चाहिए कि गोशालाएं दुर्दशा की शिकार क्यों हैं? भाजपा महंगाई, भ्रष्टाचार, अनुसूचित जाति- जनजाति वर्ग के व्यक्तियों पर हो रहे अत्याचार से प्रदेशवासियों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दे उठाती है, पर जनता समझदार है।