श्रीनगर : सुरक्षाबलों ने शनिवार को त्राल में जैश-ए-मुहम्मद के कुख्यात आतंकी वकील अहमद शाह को उसके दो अन्य साथियों संग भीषण मुठभेड़ में मार गिराया।
सभी आतंकी त्राल म्यूनिसिपल कमेटी के चेयरमैन व भाजपा नेता राकेश पंडिता, एक स्पेशल पुलिस आफिसर (एसपीओ), उनकी पत्नी व बेटी समेत करीब एक दर्जन हत्याओं में वांछित थे।
मुठभेड़स्थल से दो असाल्ट राइफलें और एक एसएलआर समेत हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद हुआ है। वकील अहमद पर पांच लाख का इनाम था। कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने सेना की विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल रशिम बाली की मौजूदगी में बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के एक विशेष दस्ते ने इस पूरे अभियान को अंजाम दिया है।
तड़के आतंकियों को जब घेरा गया तो सबसे पहले वहां आम नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाया गया। इसके अलावा आतंकियों को आत्मसमर्पण के लिए पूरा मौका दिया गया। आतंकियों द्वारा गोली चलाए जाने पर ही सुरक्षाबलों ने जवाबी फायर किया। करीब चार घंटे की मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए।
आइजीपी ने बताया कि मारे गए आतंकियों में एक वकील अहमद शाह है और वह बागंदर त्राल का रहने वाला था। वकील अहमद त्राल म्यूनिसिपल कमेटी के चेयरमैन राकेश पंडिता, एसपीओ फैयाज अहमद, उनकी पत्नी राजा बेगम और बेटी राफिया जान के अलावा डार गनई गुंड की रहने वाली शकीला बेगम, त्राल पायीन के मुहम्मद अयूब अहंगर, नूराबाद के शब्बीर अहमद समेत एक दर्जन लोगों की हत्या में पुलिस को वांछित था।
त्राल के बस स्टैंड पर 18 अक्टूबर, 2020 को हुए ग्रेनेड हमले के अलावा सुरक्षाबलों पर फायरिंग की पांच और त्राल पायीन में ही नशीले पदार्थाें के साथ हथियारों की बरामदगी के मामले में भी पुलिस को उसकी तलाश थी। वकील त्राल और उसके साथ सटे इलाकों में सुरक्षाबलों और आम लोगों पर हमलों की साजिश रचने व उन्हें अंजाम देने की विभिन्न वारदातों में शामिल था। वह आम लोगों को सुरक्षाबलों का मुखबिर करार देकर उन्हें मौत के घाट उतारने पहुंच जाता था। उसकी मौत से आम लोगों ने राहत की सांस ली है।
बता दें कि त्राल के जिस इलाके में सुबह जैश के तीन आतंकी मारे गए हैं, उसी इलाके में गत 31 जुलाई को सुरक्षाबलों ने पुलवामा हमले की साजिश में शामिल रहे जैश कमांडर सैफुल्ला उर्फ अदनान उर्फ लंबू को उसके स्थानीय साथी संग मार गिराया था। यह इलाका दाचीगाम राष्ट्रीय पार्क का एक हिस्सा माना जाता है