उप्र स्मार्ट सिटी मिशन की 50 फीसद परियोजनाएं पूरी,वाराणसी सबसे आगे, राज्य के सात अन्य शहर भी बनेंगे स्मार्ट

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के चयनित 10 स्मार्ट शहरों में वाराणसी सबसे आगे है, जहां की ज्यादातर परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। जबकि राज्य के सभी स्मार्ट शहरों की लगभग 50 फीसद परियोजनाएं पूरी होने वाली हैं। प्रयागराज का चयन भले ही तीसरे चरण में हुआ हो, लेकिन वहां की ज्यादातर परियोजनाओं की रफ्तार तेज है। शहरी विकास मंत्रालय की अति महत्वाकांक्षी परियोजना स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देशभर में कुल 100 शहरों का चयन किया गया है।

उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार ने योजना के तहत चयनित 10 के अलावा सात और शहरों को स्मार्ट बनाने की घोषणा की है। इनमें मेरठ, गाजियाबाद, अयोध्या, फीरोजाबाद, वृंदावन, मथुरा व शाहजहांपुर आदि शामिल हैं। इनके प्रस्ताव भी तैयार कर लिए गए हैं।

मिशन के तहत पहले चरण में लखनऊ तथा दूसरे चरण में कानपुर, आगरा व वाराणसी का चयन किया गया। तीसरे चरण में अलीगढ़, झांसी व प्रयागराज को चुना गया, जबकि चौथे चरण में सहारनपुर, मुरादाबाद व बरेली चुने गए। इन शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए प्रस्तावित 582 परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने अबतक 19,444 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

इनमें से 504 परियोजनाओं के लिए 17,029 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जा चुकी है, जबकि 8,911 करोड़ रुपये की लागत वाली 261 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वाराणसी की सर्वाधिक 73 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जिन पर कुल 2,403 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। वाराणसी स्मार्ट सिटी की कुल 100 परियोजनाओं पर 3,213 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्रयागराज की 25 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं,

जबकि 50 के कार्य आवंटित कर दिए गए हैं। यहां की कुल 89 परियोजनाओं पर 1,874 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। कानपुर की 42 परियोजनाओं पर 3,426 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें से 17 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि 22 पर काम जारी है। राजधानी लखनऊ की 41 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और 24 का काम जारी है।

लखनऊ के विकास के लिए 73 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिन पर 2,041 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। आगरा के विकास के लिए कुल 59 परियोजनाएं बनाई गईं, जिन पर कुल 2,368 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इनमें से 41 परियोजनाओं को त्वरित गति से पूरा कर लिया गया है और 18 निर्माणाधीन हैं। चौथे चरण में चयनित शहरों की परियोजनाएं अभी पीछे चल रही हैं।

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