श्रीनगर : ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों की महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक उत्थान, आजीविका के बेहतर साधन उपलब्ध कराने, ग्रामीण इलाकों में कारोबारी गतिविधियां बढ़ाने व उन्हें बाजार उपलब्ध कराने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को ‘साथ’ योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत महिलाओं के 11 हजार नए स्वयं सहायता समूह इसी माह के अंत तक तैयार किए जाएंगे।
कश्मीर हाट की तर्ज पर हर जिले में एक-एक हाट भी तैयार किया जाएगा, जहां ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार सामान की बिक्री की सभी सुविधाएं होंगी। शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) में महिला सशक्तीकरण के लिए ‘साथ’ योजना का शुभारंभ करते हुए उपराज्यपाल ने कहा, हमारा लक्ष्य महिलाओं को रोजगार देने में समर्थ बनाना है।
स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए पूंजी, कौशल विकास के लिए संरक्षण, नए कौशल का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वह नए बाजार में आसानी से अपनी पहुंच बना सकें। उपराज्यपाल ने कहा कि साथ, उम्मीद, मुमकिन, हौसला, तेजस्वनी जैसी योजनाओं के जरिए हम महिलाओं को सामाजिक व आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रहे हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि 48 हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों में चार लाख से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी ने जमीनी स्तर पर महिला उद्यमशीलता में क्रांति पैदा कर दी है।
हमें ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को गैर कृषि कार्याें में शामिल करना चाहिए। कारोबार बढ़ाने को प्रशिक्षण और चलाने को सहयोग दिया जाएगा : जम्मू कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत शुरू की गई साथ योजना ग्रामीण महिलाओं में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करेगी।
इसमें 500 महिलाओं को उनका कारोबार बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और 100 महिलाओं को उनके कारोबार को चलाने के लिए सहयोग व संरक्षण दिया जाएगा।
गुमराह युवाओं को सही रास्ता दिखाएं महिला उद्यमी : उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में बीते कुछ समय से महिला उद्यमियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी तरह युवा उद्यमी भी विभिन्न तरीकों से सामाजिक बदलाव लाते हुए दूसरों के लिए भी आर्थिक सुरक्षा व खुशहाली को सुनिश्चित बना रहे हैं। महिला उद्यमियों से अपील है कि वे गुमराह युवाओं को सही रास्ता दिखाएं।