बाजार में आई 40 से लेकर 5 हजार रुपये तक की गणेश मूर्तियां, मूर्तिकारों ने भी इस बार बनाई छोटी प्रतिमाएं, गणेश उत्सव को लेकर तैयारियां
हरितालिका तीज पर सुहागिनें रखेंगी अखंड सौभाग्य के लिए ब्रत

Datia News : दतिया। 10 सितंबर से गणपति बप्पा हर घर में विराजमान होंगे। जो पूरे 10 दिन भक्तों पर अपनी कृपा बरसाएंगे। गणेश चतुर्थी को लेकर नगर में तैयारियों जोरों पर है।

नगर में भी मूर्तिकार भगवान गजानन की मूर्तियां को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। हालांकि कोरोना की तीसरी लहर के चलते इस बार भी बड़े पंडाल लगाने की अनुमति नहीं दी गई है। भक्त अपने घरों एवं छोटे पंडालों में ही गणेश जी की मूर्ति विराजमान कर सकेंगे।

इसे लेकर मूर्तिकार रामलाल का कहना है कि कोरोना के कारण गत 2 साल से मूर्ति बनाने का व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ा है। इस वर्ष भी ऑर्डर के हिसाब से ही मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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तीसरी लहर को देखते हुए ज्यादातर छोटी मूर्तियां का ही निर्माण कर रहे हैं। जो 1000 से 3000 रुपये तक की हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से उनके व्यापार पर संकट मंडरा रहा है। गणेश चतुर्थी के बाद नवरात्र पर्व में भी यही िस्थति रही तो मूर्तिकारों को काफी नुकसान होगा।

गुरुवार को रखा जाएगा हरितालिका तीज ब्रत

ज्योतिषाचार्य पंडित उमेश शर्मा के अनुसार गुरुवार को हरितालिका तीज ब्रत महिलाएं रखेंगी। इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए यह ब्रत रखती हैं। इसके अलावा कुंवारी युवतियां अच्छा वर पाने की कामना लेकर यह ब्रत रखती हैं।

मूलत: शिव पार्वती की आराधना इस ब्रत के दौरान की जाती है। हरितालिका तीज का प्रारंभ 8 सितंबर को देर रात 2.33 बजे पर होगा और 9 सितंबर को रात्रि 12.18 पर तृतीया तिथि समाप्त होगी।

प्रातः काल पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 6:03 से सुबह 8.30 तक रहेगा। ऐसे में इस ब्रत के लिए उदया तिथि 9 सितंबर रखेगी। इसलिए हरितालिका तीज का ब्रत 9 सितंबर के दिन रखा जाएगा। इस दिन रवि योग दोपहर में 2.31 से शाम को 6.01 तक रहेगा।

इस ब्रत को लेकर पौराणिक कथा है कि माता पार्वती की इच्छा के विरुद्ध उनके पिता हिमालय राज ने उनकी शादी भगवान विष्णु से तय कर दी थी। ऐसा होने से बचने के लिए माता पार्वती की सहेलियां उनको अपहरण कर एक गुप्त गुफा में ले गईं, ताकि उन्हें भगवान विष्णु से शादी करने से बचाया जा सके।

माता पार्वती गुफा में भी कठोर तपस्या करती रहीं। इससे भोलेनाथ प्रसन्न हो गए और उन्होंने माता पार्वती को आशीर्वाद दिया और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

40 से लेकर 5000 तक की गणेश मूर्ति आई बाजार में

इधर नगर में गणेशोत्सव को लेकर तैयारियां शुरु हो गई है। 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। सार्वजनिक पंडालों में भी विघ्नहर्ता गणेश जी की प्रतिमा विराजमान होगी। इस बार सेवढ़ा में स्थानीय कलाकारों ने कई दिनों से मेहनत कर गणेश भगवान की इको फ्रेंडली मूर्तियों का निर्माण किया है।

बाजार में 2 साल बाद किसी त्योहार को लेकर रौनक लौटी है। इस बार बाजार में बस स्टैंड स्थित गेट के पास जय गुरुदेव स्टोर सहित दो दर्जन से अधिक अन्य दुकानों पर बप्पा की रंग बिरंगी मूर्तियों के स्टाल लग गए हैं। जहां पर 40 रुपये से लेकर 5000 तक की गणेश भगवान की मूर्ति उपलब्ध हैं।

अशासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे अपने टीचरों के माध्यम से इको फ्रेंडली गणेश जी का निर्माण कर रहे हैं। नन्हें हाथों से उन्होंने गणेश भगवान की मूर्ति काे एक अलग ही रूप दिया है।

बच्चों ने पर्यावरण को शुद्ध रखने का संकल्प लेते हुए इको फ्रेंडली गणेश बप्पा की मूर्ति का निर्माण किया है। इस मूर्ति को अपने घर में विराजमान कर वह पूजा अर्चना करेंगे।

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