जम्मू : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने परिवार का हवाला देकर कश्मीरी पंडितों के करीब आने का प्रयास किया। साथ ही उनकी समस्याओं को दूर करने का वादा करते हुए कहा कि कांग्रेस ही उनकी मदद कर सकती है।
करेल के वायनाड के सांसद और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि शुक्रवार की सुबह उनके साथ कश्मीरी विस्थापित पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि मेरा परिवार भी कश्मीरी पंडित है। मैं झूठ नहीं बोलता, मैं विश्वास दिलाता हूं कि कश्मीरी पंडितों की मदद करके दिखाऊंगा। मैंने श्रीनगर में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में जब भी आता हूं लगता है कि घर आया हूं। जल्द ही लद्दाख जाउंगा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस जम्मू-कश्मीर की साझी संस्कृति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
यहां की मिलीजुली संस्कृति, भाईचारे पर आक्रमण किया, जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा छीना गया। हिंदू, मुस्लिम, सिख समुदाय के गुरुओं, अवतारों के हाथ के चिह्न का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि यह आशीर्वाद का चिह्न नहीं बल्कि यह दर्शाता है कि हमें सच्चाई पर चलना चाहिए। राहुल ने कहा कि हमें अपने कार्यकर्ताओं की शक्ति का आदर करना है।
जिस दिन हमारे दिल में यह बात आ गई कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की आवाज सुनी जाती है, तो उस दिन कांग्रेस 100-200 नहीं बल्कि 400 सीटें जीतकर सत्ता में आएगी। देवी के स्वरूपों के बहाने साधा केंद्र पर निशाना : श्री माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा में तीन पिंडियों के रूप में विराजमान मां दुर्गा, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी का जिक्र करते हुए उन्होंने कार्यकर्ताओं को अर्थ समझाया। राहुल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी से देश की शक्ति कम कर दी। जीएसटी से मां लक्ष्मी की शक्ति कम हुई, कृषि कानून लाकर मां दुर्गा की शक्ति को कम कर दिया।
देश के शिक्षण संस्थानों में आरएसएस के लोगों को बैठाया है, जिससे मां सरस्वती की शक्ति भी कम हुई है। सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, प्रदेश प्रधान जीए मीर, जम्मू-कश्मीर मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल, सहित अन्य नेता शामिल हुए।