दतिया जिले में बीट सिस्टम होगा लागू, स्थानीय स्तर पर ही निपट जाएंगे जमीन संबंधी विवाद, संभागायुक्त ने जल्दी व्यवस्था करने के दिए निर्देश

Datia News : दतिया । जमीनों के छोटे मोटे झगड़े स्थानीय स्तर पर ही निपट जाएं इसके लिए जिले में बीट स्तर पर समाधान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केन्द्रों पर बीट सिस्टम के माध्यम से समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।

संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने मंगलवार को अपने दतिया प्रवास के दौरान स्थानीय जीएनएम नर्सिग कालेज में बीट सिस्टम लागू किए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान पटवारी, ग्राम रोजगार सहायक, कोटवार एवं पुलिस के बीट प्रभारी के रूप में पुलिस आरक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसे संभागायुक्त ने संबोधित किया।

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संभाग आयुक्त सक्सेना ने कहाकि ग्रामीण स्तर पर शांति एवं कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए ग्रामीणों के छोटे मोटे झगड़े एवं राजस्व संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए दतिया जिले में भी बीट सिस्टम लागू किया जा रहा है।

इस सिस्टम के तहत बीट स्तर पर मुख्यालय बनाकर प्रत्येक सोमवार को सुबह 9 बजे से प्रातः 11 बजे तक मैदानी अमला उपस्थित होकर वहां के लोगों के झगड़ा का निराकरण करेगा।

प्रत्येक बीट का प्रभारी पुलिस विभाग का आरक्षक रहेगा। उस तहसील के एसडीएम, तहसीलदार, बीट पर निराकृत हो रहे प्रकरणों का वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से सुपरविजन भी करेंगे।

उन्होंने कहाकि प्रति सोमवार प्रत्येक बीट पर कम से कम एक शिकायत एवं झगड़े का निराकरण पुलिस एवं राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहाकि बीट व्यवस्था मंे कोटवारों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशाओं, अाबकारी विभाग सहित अन्य विभागों के मैदानी अमले को भी जोड़ा जाएगा।

जो गांव की हर गतिविधि की जानकारी से अवगत कराएंगे। कोटवार क्षेत्र के माफियाओं, मिलावटखोरों, तीज त्यौहारों पर शांति भंग करने वालों की जानकारी भी दे सकेंगे।

बीट व्यवस्था यह होगा लाभ

बीट सिस्टम के कारण छोटे गांव में खेतों की मेढ़ संबंधित विवाद और बंटाई को लेकर जमीन मालिक और खेतीहर मजदूर के मध्य तय की जाने वाली शर्तें सहित अन्य विवाद पूर्व में पटवारी तक सीमित रहते थे। पटवारी ही इनका निराकरण करते थे। इस नई बीट प्रणाली से कई विभागों को इसमें जोड़ा गया है।

यह विवाद ज्यादा बढ़ने पर पुलिस तथा जिला मुख्यालय तक पहुंचते थे। बीट प्रणाली लागू करने से यह विवाद अब जिला स्तर तक या संभाग स्तर तक नहीं पहुंचेंगे और किसानों को भी स्थानीय स्तर पर ही तुरंत राहत मिल जाएगी।

इसमें अतिक्रमण, गोचर भूमि पर कब्जा, खेत की मेढ़ तथा बंटाई संबंधित विवाद सहित अन्य ऐसे कई छोटे विभाग जो राजस्व प्रबंधन श्रेणी में आएंगे जिनका निपटारा तत्काल व त्वरित रूप से किया जाएगा।

ई-मेल के माध्यम से होगी व्यवस्था

पुलिस महानिरीक्षक सचिन अतुलकर ने कहाकि ग्रामीण स्तर पर बीट सिस्टम प्रभारी, आरक्षक रहेंगे। जो स्थानीय स्तर पर छोटे, मोटे झगड़ोें का निराकरण करेंगे। ई-मेल के माध्यम से इस व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।

कलेक्टर संजय कुमार ने प्रशिक्षण का संचालन करते हुए बताया कि संभाग आयुक्त एवं आईजी की भावनाओं के अनुरूप जिले में भी ग्रामीणों के झगड़े निपटाने के लिए बीट व्यवस्था लागू की जाएगी।

उन्होंने कहाकि बीट व्यवस्था लागू करने के पीछे ग्रामीण अंचलों में अवैध गतिविधियों को रोकने के साथ बीट प्रभरी को जबावदेही बनाना है।

साथ ही शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी एवं हितग्राही मूलक योजनाओं को अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम संभागायुक्त आशीष सक्सेना के साथ चंबल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सचिन अतुलकर, कलेक्टर संजय कुमार, पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड सहित प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

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