लखनऊ : जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलीवरी प्लेटफार्म पर जीएसटी काउंसिल ने पांच फीसद कर लगाने का फैसला किया है।वहीं कोरोना से जुड़ी दवाओं पर कर छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।
हालांकि बैठक के दौरान पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे नहीं लाने का फैसला किया गया। माना जाता है कि ऐसा करने से केंद्र सहित प्रदेशों का राजस्व प्रभावित होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद परिषद द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी मीडिया को देते हुए कहा कि मस्कुलर एट्रोफी से जुड़ी दवाओं जोल्गेन्स्मा और विलटेप्सो को जीएसटी से छूट दी गई है। इनकी कीमत करोड़ों रुपये में है। कोरोना से जुड़ी दवाओं पर कर रियायत को 31 दिसंबर तक बढ़ाया गया है, लेकिन चिकित्सा उपकरणों इस तरह की रियायत को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया गया है।
कुछ चिकित्सा उपकरणों के लिए रियायती व्यवस्था 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगी। परिषद ने कैंसर से संबंधित दवाओं पर कर की दर को 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दिया है। फोर्टिफाइड राइस कर्नेल पर भी कर की दर को 18 फीसद से पांच फीसद किया गया है।
डीजल में मिश्रण के लिए बायो-डीजल पर जीएसटी दर को 12 से पांच फीसद कर दिया गया है जबकि माल ढुलाई के लिए लिए राष्ट्रीय परमिट शुल्क को जीएसटी से छूट दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि पट्टे पर दिए जाने वाले विमानों के आयात को आइजीएसटी भुगतान से छूट दी गई है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने महसूस किया है कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने का यह सही समय नहीं है। पैनल ने सभी प्रकार के पेन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया। परिषद ने एक जनवरी से जूते और कपड़ों पर लगने वाली नई दरों की सिफारिश की है।