रतनगढ़ मंदिर तक पहुंचने के लिए रूट तय किए गए, नाव से जाने पर लगी रोक, कलेक्टर ने मंदिर परिसर में ली बैठक, अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी

Datia News : दतिया । रतनगढ़ माता मंदिर पर शरदीय नवरात्र एवं दीपावली की दोज पर श्रद्धालुओं की भीड़भाड़ को देखते हुए सुरक्षित आवागमन व्यवस्थाओं सहित पेयजल, प्रकाश व साफ सफाई प्रबंध को लेकर कलेक्टर संजय कुमार ने रतनगढ़ पहुंचकर संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में संबंधित विभागों की जबावदेही निर्धारित कर समय-सीमा में तैयारियां सुनिश्चित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

रतनगढ़ माता मंदिर प्रांगण में बुधवार को आयोजित बैठक में पुलिस अधीक्षक अमन सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमलेश भार्गव, एएसपी कमल मौर्य, एसडीएम सेवढ़ा अनुराग निंगवाल, इंदरगढ़ थाना प्रभारी परमानंद शर्मा, नायब तहसीलदार दीपक यादव, मंदिर पुजारी राजेश कटारे सहित संबंधित विभागों के जिला एवं खंड स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने रतनगढ़ माता मंदिर पर की जाने वाले व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए कहाकि रतनगढ़ क्षेत्र में सिंध नदी पर स्थित पुल बाढ़ से टूट जाने के कारण वहां से आने एवं जाने वालों को परिवर्तित मार्ग से माता मंदिर पहंुचना होगा।

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इसके लिए ग्वालियर से आने वाले श्रद्धालु बेहट मार्ग से जबकि इटावा, जालौन, उरई, भिण्ड़ आदि स्थानों से आने वाले लोग खमरौली के पास चिताई मार्ग (मंगरौल) के रास्ते से एवं झांसी, शिवपुरी, गुना, डबरा, पिछोर, दतिया आदि स्थानों से लोग गोराघाट देवगढ़ मार्ग से होकर मंदिर पहुंच सकेंगे। इन स्थानों पर वाहनों की पार्किग की व्यवस्था भी रखी जाएगी।

कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन मार्गाें की वर्तमान हालत को देखते हुए सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू कर उन्हें पैदल चलने योग्य बनाया जाए।

उन्होंने बताया कि रतनगढ़ में स्थित सिंध पुल टूट जाने के कारण पुल या नदी मार्ग से नाव आदि से आने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए विभिन्न स्थानों पर बेरीकेटिंग कर चैक पोस्ट बनाए जाएंगे।

जिस पर पुलिस एवं होमगार्ड के जवान सतत् निगरानी रखेंगे। नाव से जाने वालें लोगों के विरूद्ध कार्रवाई भी की जाएगी। नदी का जलस्तर देखते हुए यहां नाव प्रतिबंधित की गई है।

कलेक्टर ने एसडीएम सेवढ़ा को निर्देश दिए कि लोक निर्माण एवं संबंधित विभागोें के सहयोग से वाहन पार्किग के लिए शासकीय भूमि चिंहित कर लें। आवश्यकता होने पर निजी भू-स्वामियों से चर्चा कर लें।

कलेक्टर ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि उनके द्वारा जो कार्य किए जाएंगे उनके साथ आकस्मिक योजना भी बनाई जाएं। जिसका आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सके। पैदल मार्ग पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था तथा पेयजल की समुचित व्यवस्था रखी जाएगी।

श्रद्धालुआंे को किसी भी प्रकार की सूचना एवं जानकारी देने के लिए पीएस सिस्टम की भी व्यवस्था रखी जाएगी। मंदिर क्षेत्र में मोाबईल नेटवर्क सही रूप से काम करें इसके लिए निजी मोबाईल कंपनियों से चर्चा कर टावर लगवाए जाएंगे।

कलेक्टर ने मंदिर प्रांगण एवं आस-पास के क्षेत्र में साफ सफाई की व्यवस्था निजी क्षेत्र से कराने, मंदिर की रैलिंग की रंगाई-पुताई कराने के भी निर्देश दिए। बैठक के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ पहुंच मार्गो, वाहन पार्किग स्थलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

3 से 5 किमी तक श्रद्धालुओं को चलना होगा पैदल

मंदिर तक पहुंचने के लिए आवागमन के लिए जो मार्ग व्यवस्था की गई है। उनकी वर्तमान हालत में जल्दी ही सुधार की जरुरत है। इसके साथ ही यहां वाहनों की पार्किंग बनाई जाएगी। जहां से श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए 3 से 5 किमी तक पैदल चलना होगा। इसके लिए मार्गाें की मरम्मत कराई जाएगी।

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