Lucnow News : लखनऊ । उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को उसकी कार्यशैली को लेकर आईना दिखाया है। एक गलती से होने वाले नुकसान का एहसास कराते हुए जनता के बीच खाकी की सकारात्मक छवि को बनाए रखने की नसीहत दी है। गोरखपुर में मनीष हत्याकांड का जिक्र किए बिना ही योगी ने पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को कड़ा संदेश दिया।
कहा, किसी भी घटना में मेरिट के अनुरूप तत्काल कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मीडिया ट्रायल शुरू होने से पहले ही पुलिस सही जानकारी साझा करे। योगी ने पुलिस की प्रशंसा भी की। कहा कि बीते साढ़े चार वर्षों में हुए उत्कृष्ट कार्यों से प्रदेश की छवि बदलने में पुलिस ने सक्रिय भूमिका निभाई है।
लेकिन, एक गलती पुलिस को खलनायक के रूप में पेश कर देती है। पुलिस को हर हाल में जनता के बीच विश्वास को बनाए रखना होगा। मुख्यमंत्री शनिवार को डीजीपी मुख्यालय में पुलिस के अलंकरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 75 पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को पदक प्रदान कर सम्मानित किया।
इनमें बीते तीन वर्षों के 15 मुख्यमंत्री का उत्कृष्ट सेवा पदक, 35 वीरता के लिए राष्ट्रपति का पदक व 25 उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पदक प्रदान किए गए। योगी ने कहा कि जनता की नजर पुलिस की गतिविधियों पर हमेशा रहती है। कोई भी पीड़ित सबसे पहले पुलिस के पास आता है। पुलिस का रिस्पांस सकारात्मक होता है तो वह अपनी पीड़ा भूल जाता है।
वहीं, नकारात्मक रवैया होने पर उसकी पीड़ा कई गुना बढ़ जाती है। योगी ने इंटरनेट मीडिया पर चलने वाली सभी सूचनाओं की मानीटरिंग का निर्देश भी दिया। कहा कि किसी स्तर पर गलती होने की दशा में उससे वरिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारी मौके पर जाकर मुआयना करें और मेरिट के आधार पर कार्रवाई करें।
सही तथ्यों व पुलिस के पक्ष को समय से मीडिया के सामने रखें। योगी ने कहा कि यही नहीं हो पा रहा है। संवाद की कमी कई बार मुश्किलें बढ़ा रही हैं।
यह भी देखने में आया है कि जहां अधिकारी मौन धारण कर लेते हैं, वहीं सारी उपलब्धियों के बावजूद पुलिस को नकारात्मकता के कारण खलनायक बनना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों के मानव संपदा पोर्टल की शुरुआत भी की।