काठमांडू : नेपाल के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री गजेंद्र बहादुर हमाल ने नियुक्ति पर विवाद के कारण मंत्रिमंडल में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने के 48 घंटे बाद ही रविवार को इस्तीफा दे दिया।
हमाल ने प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को अपना इस्तीफा सौंप दिया। प्रधानमंत्री ने इसे स्वीकार कर लिया है। नेपाली कांग्रेस के जिला स्तर के नेता हमाल के बारे में खबरें आई थीं कि उन्हें मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की सिफारिश पर मंत्री नियुक्त किया गया है। राणा उनके बहनोई लगते हैं।
हमाल को मंत्री बनाए जाने से नेपाली कांग्रेस के भीतर भी उथल-पुथल शुरू हो गई थी और कई सदस्यों ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों को कम करने वाला कदम बताया था। हमाल संसद के निचले या उच्च सदन के सदस्य भी नहीं हैं। संविधान में एक प्रविधान है कि कोई भी छह महीने की अवधि के लिए मंत्रिमंडल का सदस्य बन सकता है, भले ही वह सांसद न हो।
हमाल ने अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘वर्तमान में, विभिन्न मीडिया में आई खबरों ने मेरी नियुक्ति को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है और इस तरह की खबरों ने लोकतंत्र, कानून के शासन और राज्य के अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत के लिए मेरे वर्षों के संघर्ष को कमतर दिखाया है। मेरी नियुक्ति पर सवाल उठाया गया है, इसलिए मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इस तरह की अटकलों के बीच मेरे लिए मंत्री के रूप में बने रहना उचित नहीं है।’ बता दें कि प्रधानमंत्री देउबा ने 13 जुलाई को कार्यभार संभालने के करीब तीन महीने बाद शुक्रवार को हमाल समेत 18 मंत्रियों की नियुक्ति की थी।