Datia News : दतिया । गर्भवती महिला को कोरोना का पहला टीके लगने के 14 दिन बाद मौत हो जाने का आरोप मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए हैं। मृतका के पति विनोद रजक निवासी बेरछ का कहना है कि पेट दर्द का इलाज कराने के लिए वह अपनी पत्नी रिंकी रजक को 30 सितंबर को इलाज कराने भांडेर अस्पताल लाए थे।
जहां उसका उपचार करने से पहले मौजूद स्टाफ नर्स ने कोरोना का टीका लगाने की बात कही। जब महिला के पति ने मना किया तो उसने उपचार से मना कर दिया। मजबूरन महिला को कोरोना का टीका लगवाना पड़ा।
जिसके बाद से उसकी तबियत बिगड़ गई और टीका लगने के 14 दिन बाद गर्भवती महिला की मौत हो गई। वहीं इस मामले में सीएमएचओ आरबी कुरेले का कहना है कि पूरे प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को कोरोना के टीके लगाए जा रहे हैं।
ऐसे में टीका लगने से किसी की मौत होने का मामला अभी तक सामने नहीं आया। गर्भवती की मौत कैसे हुई जांच का विषय है। इधर इस मामले में परिजनों ने महिला का पीएम मेडीकल बोर्ड से कराने की मांग की।
जानकारी के अनुसार जिले की भांडेर तहसील के ग्राम बेरछ में गर्भवती महिला रिंकी रजक को उसका पति विनोद को गत 30 सितंबर को गर्भवती महिला को लगने वाला टीका लगवाने भांडेर अस्पताल लाया था।
साथ ही महिला के पेट में दर्द रहने पर उसके उपचार के लिए भी नर्स से कहा गया। इस पर स्टाफ नर्स ने उसे पहले कोरोना का टीका लगवाने की सलाह दी। जब उसने टीका लगवाने से मना किया तो नर्स ने उपचार करने से इंकार कर दिया।
इसके बाद गर्भवती महिला को कोरोना वेक्सीन की पहली डोज लगा दी गई। अगले दिन से महिला को खांसी, हाथ पैर में दर्द और सांस में तकलीफ की शिकायत होने लगी।
जिससे महिला के परिजन उसे लेकर अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डाक्टरों ने इलाज कर घर भेज दिया। सरकारी व प्राइवेट उपचार के बाद भी आराम न मिलने पर उसे दतिया उपचार के लिए लाया गया। जहां 13 अक्टूबर की रात महिला की मौत हो गई। मृतका के दो छोटी-छोटी बेटियां हैं।
इधर इस मामले में सीएमएचओ डाॅ.कुरेले का कहना है कि प्रदेश अब तक 1.5 लाख और जिले में छह हजार गर्भवतियों को कोरोना टीके लग चुके है और किसी काे कुछ नहीं हुआ है, तो ऐसे में इस गर्भवती महिला की मौत कैसे संभव है? मृतक गर्भवती का पीएम भी कराया जा रहा है, जिससे और भी मामला स्पष्ट हो जाएगा।