जेएनयू कुलपति को विशेष केंद्रों-स्कूलों के चेयरमैन अध्यक्ष चुनने का अधिकार नहींः अदालत

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नौ केंद्रों के प्रमुखों के कोई भी ‘बड़ा फैसला’ लेने पर रोक लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति ने इन केंद्रों के प्रमुखों की नियुक्ति प्रथम दृष्टया बिना किसी अधिकार के की है। न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने कहा कि कुलपति के पास केंद्रों या विशेष केंद्रों के अध्यक्षों की नियुक्ति का अधिकार नहीं है क्योंकि जेएनयू के विधान में नियुक्ति का अधिकार कार्य परिषद को दिया गया है।

प्रोफेसर अतुल सूद की याचिका पर नियुक्तियों पर रोक लगाने से इनकार करने के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए पीठ ने यह व्यवस्था दी।अदालत ने केंद्रों/विशेष केंद्रों के प्रभावी कामकाज के लिए अध्यक्ष की जरूरत को संज्ञान में लेते हुए नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहे एकल न्यायाधीश से आग्रह किया कि रिट याचिका पर सुनवाई पहले कर लें।

पीठ ने 26 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया हमारी राय है कि प्रतिवादी संख्या 2 (कुलपति) को केंद्रों/विशेष केंद्रों के अध्यक्ष की नियुक्ति का अधिकार नहीं है। विधान में नियुक्ति का अधिकार कार्य परिषद को दिया गया है। अत: स्पष्ट होता है कि प्रतिवादी संख्या 2 द्वारा केंद्रों/विशेष केंद्रों के प्रमुखों की नियुक्ति प्रथम दृष्टया बिना अधिकार के की गई है।’’

Banner Ad

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter