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मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को सांप्रदायिक प्रदर्शन का विरोध करने के लिए सोशल मीडिया पर धमकियां दी जा रही हैं। उन्हें ये धमकियां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राें के खिलाफ हाल ही में भोपाल में मिनक समुदाय की तरफ से आयोजित रैली का विरोध करने के लिए दी जा रही हैं।

सोशल मीडिया पर मिली धमकियां, डीजीपी को लिखा पत्र
मध्यप्रदेश विधानसभा के सुरक्षा अधिकारी ने रविवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर प्रोटेम स्पीकर को मिल रही धमकियाें की जानकारी दी और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि प्रोटेम स्पीकर के निजी सचिव ने प्रदर्शन के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उन्हें मिल रही धमकियों की जानकारी दी है।

उन्होंने डीजीपी से शर्मा की सुरक्षा व्यवस्था में वृद्धि करने का अनुरोध किया है। हालांकि शर्मा ने इन धमकियों को तवज्जो देने से इनकार करते हुए कहा कि ‘मैं भगवान श्रीराम का भक्त हूं। मैं ऐसी धमकियों से नहीं डरता। ‘
प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि ‘मुझे धमकी दी गई कि मुझे मार दिया जाएगा।’ मैं उनसे कहना चाहूंगा कि जिस दिन आप आतंकवाद का समर्थन करेंगे, पूरी दुनिया आपके खिलाफ लड़ेगी। इस देश में आतंकवाद का कोई समर्थन नहीं है। मैं मौत से नहीं डरता। ‘
बता दें कि गुरुवार को मुस्लिम समुदाय ने भोपाल के इकबाल मैदान में विरोध रैली आयोजित की थी। यह आयोजन कोरोना वायरस महामारी के कारण कई तरह के प्रतिबंध लागू होन के बावजूद किया गया था और भारी संख्या में लोग एक जगह जुटे। इस रैली में फ्रांसीसी राष्ट्रपति की तरफ से पैगंबर के कालीनों को लेकर दिए गए बयान का विरोध जताया गया था।
इस प्रदर्शन के बाद प्रोटेम स्पीकर ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने इस्लामी कट्टरवाद को भारत में भय का माहौल बनाया है। उन्होनें कहा था कि यह बहुत बेहतर होता है कि प्रदर्शन फ्रांस में आयोजित किया जाता है, क्योंकि यह मुद्दा उसी देश से जुड़ा हुआ है। पुलिस महानिदेशक को लिखा गया पत्र के मुताबिक, इस बयान के बाद शर्मा को फेसबुक पर विभिन्न यूजर्स ने धमकियां दी हैं।
पाने देने वालों ने गाली-गलौच वाली भाषा का प्रयोग करते हुए शर्मा को हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी के रूप में ही परिणाम होने की चेतावनी दी है। तिवारी की पिछले साल नवंबर में लखनऊ में उनके कार्यालय में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को सांप्रदायिक प्रदर्शन का विरोध करने के लिए सोशल मीडिया पर धमकियां दी जा रही हैं। उन्हें ये धमकियां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राें के खिलाफ हाल ही में भोपाल में मिनक समुदाय की तरफ से आयोजित रैली का विरोध करने के लिए दी जा रही हैं।
सोशल मीडिया पर मिली धमकियां, डीजीपी को लिखा पत्र
मध्यप्रदेश विधानसभा के सुरक्षा अधिकारी ने रविवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर प्रोटेम स्पीकर को मिल रही धमकियाें की जानकारी दी और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि प्रोटेम स्पीकर के निजी सचिव ने प्रदर्शन के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उन्हें मिल रही धमकियों की जानकारी दी है। उन्होंने डीजीपी से शर्मा की सुरक्षा व्यवस्था में वृद्धि करने का अनुरोध किया है। हालांकि शर्मा ने इन धमकियों को तवज्जो देने से इनकार करते हुए कहा कि ‘मैं भगवान श्रीराम का भक्त हूं। मैं ऐसी धमकियों से नहीं डरता। ‘
प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि ‘मुझे धमकी दी गई कि मुझे मार दिया जाएगा।’ मैं उनसे कहना चाहूंगा कि जिस दिन आप आतंकवाद का समर्थन करेंगे, पूरी दुनिया आपके खिलाफ लड़ेगी। इस देश में आतंकवाद का कोई समर्थन नहीं है। मैं मौत से नहीं डरता। ‘
बता दें कि गुरुवार को मुस्लिम समुदाय ने भोपाल के इकबाल मैदान में विरोध रैली आयोजित की थी। यह आयोजन कोरोनावायरस महामारी के कारण कई तरह के प्रतिबंध लागू होन के बावजूद किया गया था और भारी संख्या में लोग एक जगह जुटे। इस रैली में फ्रांसीसी राष्ट्रपति की तरफ से पैगंबर के कालीनों को लेकर दिए गए बयान का विरोध जताया गया था।
इस प्रदर्शन के बाद प्रोटेम स्पीकर ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने इस्लामी कट्टरवाद को भारत में भय का माहौल बनाया है। उन्होनें कहा था कि यह बहुत बेहतर होता है कि प्रदर्शन फ्रांस में आयोजित किया जाता है, क्योंकि यह मुद्दा उसी देश से जुड़ा हुआ है। पुलिस महानिदेशक को लिखा गया पत्र के मुताबिक, इस बयान के बाद शर्मा को फेसबुक पर विभिन्न यूजर्स ने धमकियां दी हैं।
पाने देने वालों ने गाली-गलौच वाली भाषा का प्रयोग करते हुए शर्मा को हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी के रूप में ही परिणाम होने की चेतावनी दी है। तिवारी की पिछले साल नवंबर में लखनऊ में उनके कार्यालय में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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