जानिए- बिहार में सबसे बड़ा और छोटा कार्यकाल किस मुख्यमंत्री का है?
जानिए- बिहार में सबसे बड़ा और छोटा शब्द किस मुख्यमंत्री का है?

नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनावों के बीच आज पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का निधन हो गया। वह कोरोनावायरस सेर्ट थे। दिलचस्प बात यह है कि वह सिर्फ पांच दिन के लिए ही राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। शुरुआत से ही बिहार की राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। पहले

नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनावों के बीच आज पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का निधन हो गया। वह कोरोनावायरस सेर्ट थे। दिलचस्प बात यह है कि वह सिर्फ पांच दिन के लिए ही राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। शुरुआत से ही बिहार की राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। पहले मुख्यमंत्री कृष्ण सिंह 1946 में सीएम की कुर्सी पर बैठे और वर्ष 1961 तक इस पद पर काबिज रहे। हालांकि इसके बिहार में किसी भी समय तक अपनी कुर्सी नहीं बची। जानिए बिहार में सबसे बड़ा और बचा हुआ शब्द जो मुख्यमंत्री का रहा है।

सबसे छोटा और सबसे बड़ा शब्द

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    • सबसे छोटा कार्यकाल- पांच दिन- कांग्रेस के सतीश प्रसाद सिंह (28 जनवरी 1968 से एक फरवरी 1968)

 

    • सबसे बड़ा कार्यकाल- 9 वर्ष 179 दिन- ज़ीयू के नीतीश कुमार (24 नवंबर 2005 से 20 मई 2014)

 

29 साल में 24 बार मुख्यमंत्री बने

बिहार में वर्ष 1961 से वर्ष 1990 तक 24 बार मुख्यमंत्री बदले गए। यानी 29 साल में 24 बार बिहार के सत्ता में लगातार परिवर्तन के दौर से गुजरी। हालांकि वर्ष 1961 के बाद पहली बार 1990 ऐसा हुआ कि राज्य ने अपना सीएम बदला और उस सीएम ने अपना कार्यकाल पूरा किया। इनका नाम लालू प्रसाद यादव था। 1990 तक बिहार में छह बार राष्ट्रपति शासन लगा।

90रों ड़ी लालू-राबड़ी वाले मुख्यमंत्री

लालू यादव वर्ष 1995 तक बिहार के सीएम रहे। इसके बाद एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। हालांकि चार अप्रैल 1995 को राज्य की गद्दी एक बार फिर लालू यादव को ही मिली। लेकिन सिर्फ दो साल के लिए। इसके बाद लालू ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन वह भी दो साल ही सीएम रह पाए। राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन लगा। इसके बाद मार्च 1999 में राबड़ी देवी दूसरी बार बिहार की सीएम बनीं और पूरे एक साल तक यानी साल 2000 तक मुख्यमंत्री रहीं।

राष्ट्रपति शासन के बीच परिवर्तन अधिकार हो रहा है

लालू और राबड़ी के बाद ज़ीयू की सरकार आई और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। हालांकि नीतीश कुमार सिर्फ सात दिन के लिए ही सीएम रहे। इसके बाद बिहार की राजनीति ने फिर करवट ली और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं। राबड़ी वर्ष 2000 से 2005 तक मुख्यमंत्री बने रहे और अपना कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद राज्य में फिर से नौ महीने के लिए राष्ट्रपति शासन रहा।

नवंबर साल 2005 में राज्य में एक बार फिर नीतीश कुमार की वापसी हो रही है। इस बार वह वर्ष 2014 यानी लगभग नौ साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि इसके तुरंत बाद नीतीश ने जितन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया। मांझी करीब नौ महीने तक मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद वर्ष 2015 में राज्य में फिर विधानसभा चुनाव हुए और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और वर्तमान तक हैं।

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मुख्यमंत्री कृष्ण सिंह 1946 में सीएम की कुर्सी पर बैठे और वर्ष 1961 तक इस पद पर काबिज रहे। हालांकि इसके बिहार में किसी भी समय तक अपनी कुर्सी नहीं बची। जानिए बिहार में सबसे बड़ा और बचा हुआ शब्द जो मुख्यमंत्री का रहा है।

सबसे छोटा और सबसे बड़ा शब्द

    • सबसे छोटा कार्यकाल- पांच दिन- कांग्रेस के सतीश प्रसाद सिंह (28 जनवरी 1968 से एक फरवरी 1968)

 

    • सबसे बड़ा कार्यकाल- 9 वर्ष 179 दिन- ज़ीयू के नीतीश कुमार (24 नवंबर 2005 से 20 मई 2014)

 

29 साल में 24 बार मुख्यमंत्री बने

बिहार में वर्ष 1961 से वर्ष 1990 तक 24 बार मुख्यमंत्री बदले गए। यानी 29 साल में 24 बार बिहार के सत्ता में लगातार परिवर्तन के दौर से गुजरी। हालांकि वर्ष 1961 के बाद पहली बार 1990 ऐसा हुआ कि राज्य ने अपना सीएम बदला और उस सीएम ने अपना कार्यकाल पूरा किया। इनका नाम लालू प्रसाद यादव था। 1990 तक बिहार में छह बार राष्ट्रपति शासन लगा।

90रों ड़ी लालू-राबड़ी वाले मुख्यमंत्री

लालू यादव वर्ष 1995 तक बिहार के सीएम रहे। इसके बाद एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। हालांकि चार अप्रैल 1995 को राज्य की गद्दी एक बार फिर लालू यादव को ही मिली। लेकिन सिर्फ दो साल के लिए। इसके बाद लालू ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन वह भी दो साल ही सीएम रह पाए। राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन लगा। इसके बाद मार्च 1999 में राबड़ी देवी दूसरी बार बिहार की सीएम बनीं और पूरे एक साल तक यानी साल 2000 तक मुख्यमंत्री रहीं।

राष्ट्रपति शासन के बीच परिवर्तन अधिकार हो रहा है

लालू और राबड़ी के बाद ज़ीयू की सरकार आई और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। हालांकि नीतीश कुमार सिर्फ सात दिन के लिए ही सीएम रहे। इसके बाद बिहार की राजनीति ने फिर करवट ली और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं। राबड़ी वर्ष 2000 से 2005 तक मुख्यमंत्री बने रहे और अपना कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद राज्य में फिर से नौ महीने के लिए राष्ट्रपति शासन रहा।

नवंबर साल 2005 में राज्य में एक बार फिर नीतीश कुमार की वापसी हो रही है। इस बार वह वर्ष 2014 यानी लगभग नौ साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि इसके तुरंत बाद नीतीश ने जितन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया। मांझी करीब नौ महीने तक मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद वर्ष 2015 में राज्य में फिर विधानसभा चुनाव हुए और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और वर्तमान तक हैं।

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