भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में नवम्बर माह में इस सप्ताह कोरोना संक्रमण के लगभग 100 केस आए हैं, जो चिंता का विषय न भी हों लेकिन हमें सजग रहने का संदेश दे रहे हैं।
हम कोरोना के नए वेरिएंट से चिंतित ही नहीं सावधान भी रहें। यही हमारी ड्यूटी है। प्रदेश में अभी स्कूल पचास प्रतिशत विद्यार्थी क्षमता के साथ खुले रहेंगे। अभिभावकों की सहमति से ही विद्यार्थी विद्यालय आएंगे।
साथ ही ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प उपलब्ध रहेगा। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखकर कोरोना से बचाव के सभी आवश्यक उपायों पर अमल किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास पर प्रदेश में कोरोना नियंत्रण और वर्तमान स्थिति पर अधिकारियों के साथ चर्चा की।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव ईकबाल सिंह बैंस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कुछ देशों में कोरोना के नए वेरिएंट के आने से उत्पन्न परिस्थितियों पर विचार-विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में सभी लोगों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का दूसरा डोज लगे और मध्यप्रदेश की उपलब्धि शत-प्रतिशत हो जाए, इसके पूरे प्रयास करना हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क का उपयोग अनिवार्य है, सभी नागरिक इसका उपयोग करें। मुख्यमंत्री ने जिला और ब्लाक स्तर के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठकें बुलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि किसी स्तर पर सावधानियां न हटे।
शीघ्र होंगी जिला और ब्लॉक में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठकें
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि अभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक नहीं होगी, लेकिन संक्रमण रोकने के सभी नियमों और सावधानियों का पालन किया जाए। वह एक दिसंबर को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विदेशों में कोरोना के नए वेरिएंट के फैलने की सूचना है।
अभी तक भारत में नए वेरिएंट की उपस्थिति की कोई सूचना नहीं है, लेकिन सावधानियां अत्यंत जरुरी है। इसलिए आज ही हमने बैठक करके कुछ फैसले किए हैं। विदेश से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाएगी। जो लोग अन्य देशों की उड़ानों से आए हैं, उनका टेस्ट करवाने के साथ ही आवश्यक हुआ तो आइसोलेशन में रखा जायेगा।
दूसरे देशों से मध्यप्रदेश में आने वाले यात्रियों के संबंध में भारत सरकार के सर्विलांस में नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। एक महीने में जितने भी लोग अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों से यहाँ आए हैं, उनकी कोरोना की जाँच करना है और अगर कोई कोरोना संदिग्ध पाया जाता है तो उसे आइसोलेशन में रखा जाए।
प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग के सैम्पलों की भी संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे अगर कहीं कोरोना संक्रमण की कोई स्थिति बने तो जानकारी का अभाव न रहे। जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है।