Datia News : दतिया। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का भारत में प्रवेश हो गया है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से तीसरी लहर का खतरा भी बढ़ गया है।
परंतु जैसा कि पिछली 2 लहरों में देखा गया था कि शुगर यानी मधुमेह के रोगियों को गंभीर बीमारी का खतरा ज्यादा रहा था और मृत्यु दर भी ज्यादा रही थी। ऐसे में उन्हें बचाव की ज्यादा जरुरत होगी।
यह खास सलाह मेडिकल कॉलेज दतिया के सहायक प्राध्यापक एवं कोविड आईसीयू इंचार्ज डॉ. हेमंत कुमार जैन ने दी है।
डॉ. हेमंत जैन ने बताया कि मधुमेह के रोगियों की शारीरिक क्षमता सामान्य मरीजों से कम होती है और कई प्रकार की अन्य बीमारियां जैसे मोटापा, थाइराइड, हाईब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शरीर में सूजन, किडनी का सही काम नहीं करना और दिल का कमजोर होना यह सब चल रहा होता है।
ऐसे में कई दवाइयां जैसे मेटफॉर्मिन भी कई प्रकार के विपरीत असर शरीर पर डाल रही होती है। ऐसे में मरीजों को चाहिए कि वह विशेष ध्यान रखें।
यह रखें आवश्यक सावधानियां-
1- अपना शुगर का लेवल स्थिर रखें।
2- दवा सही समय पर लें ।
3- व्यायाम शुरू करें और अगर व्यायाम करते हैं तो जारी रखें।
4- खानपान नियंत्रित रखें।
5- शराब और तम्बाखू का बिल्कुल सेवन ना करें।
6- वैक्सीन जरूर लगवाएं।
7- मास्क जरुर पहने, खासकर किसी से भी मुलाकात के समय।
8- थोड़े से भी लक्षण आने पर तुरंत कोरोना का टेस्ट कराएं।
9- शिक्षित चिकित्सक से ही उपचार लें।
10- योग से मन को शांत रखें।।
कोरोना व मौसमी बीमारियों से बचाता है मास्क
डॉ. हेमंत जैन ने बताया कि जब से कोरोना महामारी इस दुनिया पर छाई है तब से सभी सरकारें लोगों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनने की सलाह देती आ रही हैं और वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन भी इस बात पर जोर देता रहा है कि आप मास्क पहनें।
मास्क हमें कोरोना व मौसमी बीमारियों से बचाता है। इसके साथ ही कोरोना और अन्य वायरस हवा के द्वारा आपके स्वसन तंत्र में प्रवेश करते हैं, इस हवा या वायु को एक तरह से छानने का कार्य यह मास्क करते हैं, जिस तरह से हम आटा छानते हैं, ऐसे ही मास्क वायु को छानता है।
इस छनन की प्रक्रिया से केवल वायरस ही नहीं कई अन्य प्रकार के संक्रमण जैसे टीवी के बैक्टीरिया और धूल मिट्टी भी छन जाती है।
इन्फ्लुएंजा वायरस और करीब 100 अन्य प्रकार के वायरस भी हमारे श्वसन तंत्र से दूर रहते हैं, यह वायरस मौसमी बीमारी जैसे कॉमन कोल्ड फैलाते हैं।
मास्क का इस तरह करें उपयोग
डॉ. जैन के मुताबिक NIOSH नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ के अनुसार N95 मास्क ही इन बीमारियों से बचाता है। यह मास्क करीब 95 प्रतिशत विषाणु कणों को श्वसन तंत्र से दूर रखता है ।
इस मास्क की वजह से दोहरी सुरक्षा मिलती है। यह आपको संक्रमित व्यक्ति से और बीमारी से बचाता है। एक N95 मास्क केवल एक दिन ही पहने दूसरे दिन दूसरा मास्क लगाएं।प्रत्येक दिन एक नया मास्क पहने।
अगर रोज एक नया मास्क नहीं पहन सकते तो 5 मास्क लीजिए और एक से पांच तक चिन्हित कर फिर इन मास्क को पांच दिन पहनिए और फिर से यही क्रम दोहराइए। ऐसा तीन बार किया जा सकता है।
सर्जिकल मास्क करीब 50 से 70 प्रतिशत वायरस कणों को छानता है अर्थात यह कम सुरक्षित है और यह 2 से 3 घंटे ही कार्य करता है। कपड़े इत्यादि के मास्क ज्यादा सुरक्षित नहीं हैं।
ज्यादातर चिकित्सक मास्क की वजह से ही कोरोना मरीजों की देखभाल करने के बावजूद सुरक्षित रह पाए। स्वयं और परिवार की सुरक्षा आपके मास्क के चुनाव और पहनने पर निर्भर है।