ओडीशा के पुरी तट से टकरा सकता है चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ : 100 किमी प्रति घंटा की तेज रफ्तार से चलेंगी हवाएं

भुवनेश्वर : चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट पहुंचने से पहले गहरे दबाव में तब्दील होकर कमजोर पड़ सकता है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिछले एक साल में ‘गुलाब’ और ‘यास’ की मार झेल चुके इन पूर्वी तटीय राज्यों को इससे राहत मिलने की उम्मीद है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कहा गया है कि इसके धीरे-धीरे कमजोर पड़ने और अगले 12 घंटे में उत्तर की ओर बढ़ने की उम्मीद है और इसके बाद यह उत्तर की तरफ ओडिशा के तट की तरफ गहरे दबाव के क्षेत्र के रूप में पुरी के पास जा सकता है।

बुलेटिन में कहा गया कि इसके बाद ‘जवाद’ के और कमजोर होने और उत्तर-पूर्वोत्तर की तरफ ओडिशा से पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ने के आसार हैं। भुवनेश्वर के मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी यूएस दास ने कहाकि यह समुद्र में कमजोर पड़ने के बाद गहरे दबाव के रूप में पुरी के तट से टकरा सकता है।

विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया था कि चक्रवात बंगाल की खाड़ी से जाने से पहले पुरी जिले के आसपास टकरा सकता है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया कि एक छोटी सी अच्छी खबर है। चक्रवात के पुरी तट पर पहुंचने तक वह कमजोर पड़ सकता है। मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन में यह जानकारी सामने आई है।

ओडिशा के पूरे तटीय क्षेत्र में शुक्रवार रात से बारिश हो रही है। मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि पिछले 12 घंटे में पारादीप में सबसे ज्यादा 68 मिलीमीटर बारिश हुई और भुवनेश्वर में 10.4 मिलीमीटर बरसात हुई।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहाकि ‘जवाद’ के कारण ओडिशा के पुरी तट पर 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है जो 110 किलोमीटर प्रति घंटा भी हो सकती है।

इस बीच जेना ने कहा कि सरकार ने जिला अधिकारियों से कहा है कि गंजाम, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और कटक जिले के नियाली के प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को निकाला जाए।

उन्होंने कहा कि सभी को नहीं निकाला जाएगा क्योंकि अन्य चक्रवातों की तुलना में ‘जवाद’ की हवा की गति धीमी है। जेना ने कहाकि मछली पकड़ने की लगभग 22,700 नौका पहले से समुद्र और चिल्का झील से वापस आ चुकी हैं।

 

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter