ग्वालियर। रतनगढ़ से सटे जंगल में तेज धमाकों से आसपास के गांवों के लोग दहशत में आ गए। धमाके इतने तेज थे कि आसपास के मकान तक हिल गए। धमाकों की आवाज के साथ उठे धुएं के गुबार से आसमान में धुंध सी छा गई। यह देखकर अफवाहों ने भी जोर पकड़ लिया।
रतनगढ़ जंगल से धुएं के गुबार निकलते और धमाके की आवाज के वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने लगे। इस मामले में दतिया एसपी ने तत्काल बयान जारी किया है कि कोई घटना या धमाका दतिया में नहीं हुआ है। ग्वालियर के गिजोर्रा में एयरफोर्स अथॉरिटी की फायरिंग रेंज है।
रतनगढ़ के पास के जंगल में एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट अक्सर प्रैक्टिस करते रहते हैं और इस तरह के धमाके की आवाज आती रहती है। यह उनका नियमित अभ्यास था। वहीं गिजोर्रा पुलिस ने भी इसे अफवाह बताया है।
गौरतलब है कि हाल में शनिवार को दतिया एसपी अमन सिंह राठौड़ ने पुलिस बल के साथ इस क्षेत्र में बदमाशों की मूवमेंट को लेकर सर्चिंग भी की थी। जिसके बाद अचानक हुई इस घटना ने ग्रामीणों को और दहशत में डाल दिया।
मंदिर पर आए श्रद्धालु भी धुएं के गुबार देखकर डरे

रतनगढ़ मंदिर आने वाले श्रद्धालु भी इस दृश्य को देखकर डर गए। जंगल से आ रही आवाजों को लेकर वहां तमाम तरह की चर्चाएं छिड़ गई। कुछ लोग तो इसे यूक्रेन युद्ध से भी जोड़कर कयास लगाने लगे। धमाके और धुएं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो दतिया एसपी ने इसे अफवाह बताते हुए चेतावनी जारी कर दी।
इस मामले में ग्वालियर पुलिस की ओर से गिजोर्रा थाना प्रभारी सुमन पालिया ने बताया कि रतनगढ़ से लगे जंगल में एयरफोर्स अथॉरिटी की फायरिंग रेंज है।
जहां उनके एयरक्राफ्ट प्रैक्टिस करते रहते हैं। अक्सर इस तरह के धमाके आते हैं। एयरफोर्स की ओर से भी सभी तरह की खबरों को अफवाह बताया गया है।
रतनगढ़ मंदिर के महंत ने कहा कई बार सुनाई देते हैं धमाके
दतिया रतनगढ़ माता मंदिर के चारों तरफ कई किलोमीटर तक घना जंगल फैला हुआ है। हर सोमवार को यहां विशाल मेला लगता है। यहां श्रद्धालुओं का आना जाना प्रतिदिन लगा रहता है। रतनगढ़ माता मंदिर के जंगलों में कुछ एयरक्राफ्ट उड़ते हुए दिखाई दिए और उनके द्वारा कुछ गोले जंगल में दागे गए।
जिन्हें देखकर माता के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु सहम गए। यह गोले किसने चलाए हैं और क्यों चलाए हैं यह अभी नहीं पता है।
वहीं रतनगढ़ मंदिर के महंत राजेश कटारे ने बताया कि इस तरह की आर्मी प्रैक्टिस कई बार हो चुकी है। यह अभ्यास भी इसीके तहत किया जा रहा था।