लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से लौटे छात्र-छात्राओं से गोरखपुर में मुलाकात की और दावा किया कि सिर्फ भारत ही अपने नागरिकों को यूक्रेन से वापस लाने की कार्रवाई कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘यह सुविधा केवल भारतीय नागरिकों और छात्र-छात्राओं को ही मिल सकी, आपने देखा होगा कि आपके साथ अन्य देशों के छात्र-छात्राएं भी पढ़ती होंगी, उनकी सरकारों ने उनका कोई संज्ञान नहीं लिया। वह अपने तरीके से जो निकल पा रहे हैं सो निकल रहे हैं। बाकी सब भगवान भरोसे हैं।”
उन्होंने कहा, “अलग-अलग देशों से जुड़े हुए मामले होने के नाते समस्याएं खड़ी होती हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोमानिया, हंगरी और पोलैंड के साथ अच्छे संबंध होने की वजह से कहीं कोई समस्या खड़ी नहीं हो पाई। इन देशों की सीमाओं पर भारत के नागरिकों को जो सुविधा मिल रही थी वह अन्य देशों के नागरिकों को नहीं मिल पा रही थी।”
योगी ने कहा कि जैसे ही रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस भारत लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बैठक की। उसके बाद कार्यवाही शुरू हुई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपने यहां नोडल अधिकारियों की तैनाती करके यूक्रेन में पढ़ रहे राज्य के सभी लोगों के बारे में जानकारी जुटाई। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसमें रूचि ली और फिर भारत वापस लाने के लिए चार केंद्रीय मंत्री भेजे, यह सरकार की संवेदना को व्यक्त करता है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश से कुल 2290 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में रहकर शिक्षा ले रहे थे जिनमें से 2078 को वापस लाया जा चुका है। बाकी जो बचे हैं उन्हें भी वापस लाने की पूरी व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गोरखपुर के 74 में से 70 छात्र-छात्राओं को वापस लाया जा चुका है। बाकी चार को भी लाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि युद्ध कितने दिन चलेगा और उस क्या दशा होगी अभी कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन यूक्रेन से वापस लौटे छात्र-छात्राएं यहां पर अपने पाठ्यक्रम की लगातार तैयारी करते रहें। योगी ने कहा कि सरकार भी सोच रही है कि इसमें आगे क्या हो सकता है क्योंकि सुरक्षित वापस लाना ही नहीं, बल्कि सभी छात्र छात्राओं के कैरियर की भी चिंता है जिस पर सरकार विचार विमर्श कर रही है।