Washington News : वाशिंगटन । भारत जैसे कृषि प्रधान देश जो अनाज निर्यात की बड़ी क्षमता रखते हैं, उन्हें वर्तमान में डब्ल्यूटीओ की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे गेंहूं के निर्यात में अवरोध हो रहा है। यह बात भारती की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक के दौरान संवाददाताओं के बीच कही।
वित्तमंत्री ने कहाकि रुस और यूक्रेन युद्धसंकट के चलते विश्वस्तर पर खाद्यान्न की कमी का संकट हो रहा है। अनाज निर्यात के माध्यम से इस समस्या का समाधान निकालने की क्षमता रखने वाले भारत जैसे देशों को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं इस मामले में डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक इवेला ने जबाब देते हुए कहाकि संगठन इस ओर सकारात्मक रूप से ध्यान देगा। जल्दी ही इसका समाधान निकलने की संभावना है।
संवाददाता सम्मेलन में वित्तमंत्री सीतारमण के साथ अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी मौजूद रहे। इस मौके पर उन्होंने कहाकि अमेरिका ने भारत से खाद्यान्न संकट के इस दौर में सहायता करने की बात रखी है।
संवाददाताओं को वित्तमंत्री ने बताया डब्ल्यूटीओ की प्रतिक्रिया पहले सकारात्मक थी। मुझे उम्मीद है कि हम दशक भर पुरानी उस बाधा को पार कर सकेंगे जो हमें खाद्य सुरक्षा के लिए अतिरिक्त भंडार के बाद हमारे कृषि उत्पादों का उपयोग करने से रोकती रही है।
इसका लाभ किसानों को भी मिल सकेगा। वित्तमंत्री ने बताया कि इस दिशा में हम आगे बढ़े हैं। साथ ही वो अवसर खोज रहे हैं जहां आपूर्ति में किसी किस्म का कोई अवरोध पैदा न हो।