किसानों को ठगी का शिकार बनाकर गांव छोड़कर भागा व्यापारी, सुबह जब गांव वाले जागे तो मकान व दुकान पर डला मिला ताला

Datia News : दतिया । किसानों की फसल उनके खेतों पर जाकर ऊंचे दामों में खरीदकर उन्हें एक सप्ताह में भुगतान करने का वादा करने वाला व्यापारी सोमवार आधी रात अपने परिवार के साथ समेटकर भाग निकला। व्यापारी की ठगी से करीब आधा सैकड़ा किसान अपने लाखों रुपये के लिए अब भटकते फिर रहे हैं। इस मामले में किसान उनाव थाने भी शिकायत लेकर पहुंचे।

भांडेर के ग्राम कामद में किसानों के साथ उपज खरीदी में की गई ठगी का मामला सामने आया है। इस ठगी मामले से लगभग आसपास के एक दर्जन गांवों के किसान प्रभावित हुए हैं।

पीड़ित किसानों के मुताबिक गल्ला व्यापारी मोहन धोबी, उसका भाई कमल किशोर उर्फ बंटी पुत्रगण रामसेवक व संजू और राजेश पुत्रगण मोहन सोमवार-मंगलवार की रात मय परिवार के गांव छोड़कर भाग गए। इसकी जानकारी सुबह जब उन किसानों को लगी जिन्होंने अपनी उपज उक्त लोगों बेची थी, तो हड़कंप मच गया।

Banner Ad

इसके बाद ठगी का शिकार किसान बड़ी संख्या में एकत्रित होकर थाना उनाव पहुंचे और यहां थाना प्रभारी अमर सिंह गुर्जर को शिकायती आवेदन देते हुए अपने साथ हुई ठगी की आपबीती सुनाई।

पुलिस को शिकायती आवेदन देने वाले में मोहन सिंह दांगी, अनुराग तिवारी, राजाराम पाल, संदीप यादव, रामपाल प्रजापति, सीताशरण पचौरी, राजेंद्र यादव, रामलाल कुशवाहा, महेश गोस्वामी, विशाल यादव, प्रताप परिहार सहित लगभग आधा सैकड़ा ठगी के शिकार किसान शामिल रहे।

बताया जाता है कि उक्त गल्ला व्यापारी के पास उपज क्रय विक्रय का लाइसेंस भी नहीं था। लेकिन बढ़े हुए दाम और घर से खरीदी के किसानों के लालच ने उसे ठगी का पूरा मौका दिया और वह लाभ उठाकर परिवार सहित भाग निकला।

आरोपित ठग व्यापारी बंटी धोबी, राजेश धोबी और संजू धोबी मिलकर किसानों से उनकी उपज बाजार दामों से अधिक दाम देकर खरीदते रहे। इसके लिए उन्होंने खरीदी केंद्र कामद में एक दुकान किराए से भी ले रखी थी। इनमें मुख्य रूप से बंटी पुत्र रामसेवक सक्रिय रहा। इस कार्य में उसका भाई राजेश और पुत्र संजू सहयोग करते थे।

किसानों से उपज खरीदने के लिए सह लोग गांव में इलेक्ट्रानिक तौल कांटा लेकर घूमते थे। यदि माल 20 से 25 क्विंटल तक हुआ तो खुद ही तौल कर लेते थे और यदि माल ज्यादा होता था तो आसपास लगे क्रेशरों पर धर्मकांटा करा लेते थे। खरीदी के बाद भुगतान भी शाम को किसानों को किया जाता था।

लेकिन महंगा भाड़ा और भीषण गर्मी के बीच घर से ही बढ़े दाम पर उपज बिकने के लालच ने किसानों को इन लोगों की ओर आकर्षित किया। उक्त व्यापारी ने किसानों से उनकी कई क्विंटल उपज खरीद कर भुगतान कुछ समय में कर देने का वादा किया था।

किसानों ने भी उस पर भरोसा कर लिया। जिसके बाद किसानों की मेहनत की कमाई डकार कर व्यापारी रात ही रात गांव छोड़कर भाग निकला।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter