Datia News दतिया। इंदरगढ़ में दो झोलाछाप डाक्टर के गलत उपचार के बाद एक ग्रामीण मरीज की जान पर बन आई। मरीज की हालत बिगड़ती देख दोनों डाक्टर अपनी दुकान बंद कर बाइक पर बैठकर भाग लिए। जिसके बाद मरीज के स्वजन उसे किसी तरह इंदरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे जहां मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे दतिया रेफर करना पड़ा। इस मामले में पीड़ित मरीज के भतीजे ने इंदरगढ़ थाने में दोनों झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ शिकायती आवेदन भी दिया है।
मरीज के भतीजे नरेंद्र पाल ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम कुंवरपुरा निवासी 65 वर्षीय उसके चाचा सियाशरण पाल को रुक रुककर पेशाब आने की समस्या के कारण इलाज के लिए इंदरगढ़ लेकर आए थे। रात हो जाने के कारण वह सेवढ़ा रोड िस्थत बंगाली डाक्टर नीलम सिंह के यहां चाचा का इलाज कराने ले गया।
जहां डाक्टर ने पहले तो इंजेक्शन लगाया फिर पेशाब के रास्ते नली डाल दी। लेकिन जब पेशाब नहीं उतरी तो उस डाक्टर ने पड़ोस में ही एक और क्लीनिक खोले बैठे डाक्टर विनोद पटवा को बुला लिया।
उसने पहले डाली नली पतली बताकर दूसरी मोटी नली डाल दी। लेकिन पेशाब नहीं उतरी तो दोनों डाक्टरों ने मिलकर नली में इंजेक्शन से पानी भरना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने नली को हिलाना डुलाना शुरू किया तो मरीज के पेशाब के रास्ते खून की धार बहना शुरु हो गई।
खून रुकता न देख दोनों डाक्टर के हाथ पांव फूल गए। जब नरेंद्र ने अपने चाचा की बिगड़ती हालत देखी तो उन दोनों डाक्टर से कहाकि वह चाचा को अस्पताल में भर्ती करवा दें। लेकिन वो बहाना बनाने लगे। जब नरेंद्र ने डायल 100 को फोन लगाया तो दोनों डाक्टर दुकान बंदकर बाइक पर बैठकर भाग निकले।