Datia News : दतिया। पंडोखर थाना क्षेत्र ग्राम तिलहेरा में त्रियोदशी में शामिल होने गए भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जगदीश यादव पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो गए। इस दौरान गोली भी चली। जिससे दूसरे पक्ष का एक युवक भी घायल हुआ है। घटना शाम 7 बजे की बताई जाती है।
पुलिस के मुताबिक दो पक्षों के बीच हुए खूनी संघर्ष में 4 लोग घायल हुए हैं। चारों घायलों को भांडेर अस्पताल लाया गया जहां से उन्हें जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया है। दोनों ही पक्षों के लोग तिलहेरा में मोतीलाल केवट के यहां त्रियोदशी में शामिल होने गए थे।
पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के घायलों में एक पक्ष से पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा जगदीश यादव पुत्र भैयालाल, बेताब सिंह यादव पुत्र जगदीश तथा अमृत सिंह यादव पुत्र हरनारायण निवासीगण रमपुरा तथा दूसरे पक्ष से प्रदीप कुमार यादव पुत्र सीताराम शामिल हैं। प्रदीप को बाएं पैर में घुटने के नीचे गोली लगी है।
सभी घायलों का प्राथमिक उपचार कर उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। एसडीओपी भांडेर कर्णिक श्रीवास्तव, पंडोखर थानाप्रभारी यादवेंद्र सिंह गुर्जर सहित बड़ी संख्या में पुलिसबल अस्पताल में मौजूद रहा।
इस मामले में घायल जगदीश यादव का कहना था कि वे तिलहेरा त्रयोदशी से लौट रहे थे तब दो दर्जन से अधिक लोगों ने उन पर लाठी आदि से हमला कर दिया। वहीं दूसरे पक्ष का कहना था कि वे भी त्रियोदशी से लौट रहे थे और उन पर लाठी, बंदूक से हमला किया गया है।
पुरानी रंजिश या चुनावी रंजिश : इस मामले को पुलिस अभी पुरानी रंजिश या चुनावी रंजिश को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कह रही है। अस्पताल में मौजूद एसडीओपी कर्णिक श्रीवास्तव का कहना था कि यह आगे विवेचना दौरान ही स्पष्ट हो पाएगा।
साथ ही गोली चलने और उससे एक के घायल होने को लेकर भी संदेह जताते हुए एसडीओपी ने विवेचना की बात कही है। इस मामले में घायल जगदीश यादव से पूछा गया कि क्या यह मामला पुरानी रंजिश या चुनाव से जुड़ा हुआ है तो वे भी इसमें कुछ नहीं बोल सके।
वहीं दूसरे पक्ष का कहना था कि 1994 में मोहर सिंह यादव पुत्र जहार सिंह निवासी बीसलपुरा तथा फिर वर्ष 2000 में उक्त मामले में गवाह रहे सीताराम यादव पुत्र विजय सिंह का मर्डर हुआ था। उसमें घायल आरोपित थे। आज भी यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
चुनावी रंजिश भी हो सकती है : कुतौली पंचायत से सरपंच पद के लिए दोनों पक्षों से दावेदारी जताई गई। जिसमें बलवीर यादव की पत्नी ने और बेताब की पत्नी ने सरपंच पद के लिए दावेदारी की है। इसलिए इस संघर्ष को चुनावी मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा है।