नई दिल्ली : खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण विभाग ने हुई बैठक में खाद्य तेल संघों को तत्काल प्रभाव से खाद्य तेलों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में 15 रुपए की कमी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। केंद्र ने यह सलाह भी दी है कि उत्पादकों और रिफाइनरों द्वारा वितरकों के लिए तय मूल्य में भी तत्काल कमी किए जाने की आवश्यकता है ताकि मूल्य में कमी किसी भी तरह कमजोर न पड़े।
यह भी समझाया गया है कि जब कभी भी उत्पादकों/रिफाइनरों द्वारा वितरकों के लिए तय मूल्य में कमी की जाए तो इसका लाभ उद्योग द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए और नियमित आधार पर विभाग को इस बारे में सूचित किया जाए। जिन कंपनियों ने मूल्यों में कमी नहीं की है और जिनका एमआरपी अन्य ब्रांडों से अधिक है उन्हें भी मूल्यों में कमी करने की सलाह दी गई है।
बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि आयातित खाद्य तेल के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों में कमी आ रही है, जोकि खाद्य तेल परिदृश्य में बहुत सकारात्मक है। इसलिए घरेलू खाद्य तेल उद्योग के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि घरेलू बाजार में अंतर्राष्ट्रीय मूल्य के अनुरूप ही कमी की जाए और बिना किसी विलंब के मूल्य में कमी का यह लाभ तेजी से उपभोक्ताओं को मिले। बैठक में मूल्य डाटा संग्रह, खाद्य तेलों पर नियंत्रण आदेश तथा खाद्य तेलों की पैकेजिंग जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।
ज्ञातव्य है कि मई 2022 में विभाग ने अग्रणी खाद्य तेल संघों की एक बैठक बुलाई थी और सूत्रों के अनुसार फॉर्चून रिफाइन सनफ्लावर तेल के एक लीटर पैक का एमआरपी 220 रुपए से 210 रुपए किया गया था और सोयाबीन (फॉर्चून) तथा कच्ची घानी तेल के एक लीटर पैक पर एमआरपी 205 रुपए से घटाकर 195 रुपए किया गया था।
तेल की कीमतों में यह कमी तेलों को सस्ता करने के लिए खाद्य तेलों पर केंद्र सरकार द्वारा आयात शुल्क में कमी करने के कारण हुई थी। उद्योग को यह सलाह दी गई है कि वह कम किए गए शुल्क का लाभ उपभोक्ताओं को एक समान सुनिश्चित करे।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के मूल्य में नाटकीय गिरावट देखी जा रही है, लेकिन घरेलू बाजार में स्थिति थोड़ी अलग है, क्योंकि मूल्य क्रमिक रूप से घट रहे हैं। इस स्थिति में भारत सरकार ने हस्तक्षेप किया और खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा एसईएआई, आईवीपीए तथा एसओपीए सहित अग्रणी उद्योग प्रतिनिधियों की बैठक वैश्विक कीमतों में गिरावट को देखते हुए खाद्य तेलों के मूल्यों में कमी करने के बारे में बुलाई गई।
उद्योग ने सूचित किया कि पिछले एक महीने में विभिन्न खाद्य तेलों के वैश्विक मूल्यों में प्रति टन 300-450 डॉलर की कमी आई है, लेकिन खुदरा बाजार में यह कमी देर से दिखती है और आने वाले दिनों में खुदरा मूल्य घटने की संभावना है।
विभाग देश में खाद्य तेल के मूल्यों और उनकी उपलब्धता स्थिति पर निरंतर नजर रखे हुए है और यह आवश्यक है कि खाद्य तेलों पर कम हुए शुल्क ढांचे तथा अंतर्राष्ट्रीय़ बाजार में मूल्यों में महत्वपूर्ण कमी का लाभ तुरंत उपभोक्ताओं को मिले।