मुंबई । भाई और बहिन के पवित्र स्नेह के अनूठे पर्व रक्षाबंधन को लेकर सभी को पूरे साल इंतजार रहता है। लेकिन इस वर्ष 2022 में रक्षाबंधन पर भद्रा का साया होने के कारण अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के शुभ मुर्हुत को लेकर बहिनों में असमंजस है। 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि व अन्य शुभयोग हाेने के कारण रक्षाबंधन का पर्व मनाने का जहां कुछ ज्योतिषी तर्क दे रहे हैं। वहीं भद्रा में राखी बांधना निषेध होने का भी उल्लेख किया जा रहा है।
ऐसे में यह पर्व 11 या 12 अगस्त को मनाए, इसे लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनिट से आरंभ हो रही है।

जिसका समापन 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 6 मिनिट को होगा। लेकिन 11 अगस्त को भद्रा लगने की वजह से रक्षाबंधन का पर्व रात्रि में भद्रा तिथि निकलने के बाद मनाने की सलाह दी जा रही है। वहीं कुछ लोग 12 अगस्त को भी रक्षाबंधन मनाएंगे।

11 अगस्त को रात में बांधी जा सकेगी राखी : पंचांग के मुताबिक बताया जा रहा है कि सावन मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह शुरू होगी। जो 12 अगस्त सुबह तक रहेगी। इसे देखते हुए 11 अगस्त को रक्षाबंधन मनाए जाने का उल्लेख है। लेकिन 11 अगस्त को ही पूर्णिमा तिथि के आगमन के साथ भद्रा लग जाएगी।
जो इस तारीख पर रात्रि 8:38 बजे तक जारी रहेगी। इसके अनुसार 11 अगस्त को रात 8:38 बजे के बाद ही बहिनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांध सकेंगी। लेकिन कई परिवारों में रक्षाबंधन का पर्व सुबह ही मनाने की परंपरा है। इसे देखते हुए ज्योतिषियों ने कुछ मुर्हुत भी बताएं हैं।
12 अगस्त को भी मनेगा रक्षाबंधन : 12 अगस्त को पूर्णिमा की उदया तिथि है। इस दिन को भी राखी बांधने के लिए उत्तम माना गया है। हालांकि 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 7 बजकर 6 मिनिट तक रहेगी। लेकिन उदया तिथि का दिन होने की वजह से 12 अगस्त को राखी बांधी जा सकती है। इस दिन भी पर्व मनाने को लेकर तमाम तर्क भी दिए जा रहे हैं।
भद्रा के पाताल लोक में होने का तर्क : वहीं कुछ ज्योतिषियों का मत है कि 11 अगस्त पूर्णिमा के दिन आयुष्मान योग सहित कई अन्य योग भी बन रहे हैं। जो कई सालों बाद होने के कारण काफी शुभ हैं। इसके साथ ही इस दिन भद्रा के पाताल लोक में होने के कारण उसका असर पृथ्वीवासियों पर न पड़ने का भी तर्क दिया जा रहा है।
11 अगस्त 2022 की पूर्णिमा को संपूर्ण दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेगा। चंद्रमा के मकर राशि में होने से भद्रा का वास इस दिन पाताल लोक में रहेगा। पाताल लोक में भद्रा के रहने से यह शुभ फलदायी रहेगी।। इसलिए पूरे दिन सभी लोग अपनी सुविधा के अनुसार अच्छे चौघड़िया और होरा के अनुसार राखी बांधकर त्यौहार मना सकते हैं।
मुर्हुत चिन्तामणि के अनुसार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है। चंद्रमा जब मेष, वृष, मिथुन या वृश्चिक में रहता है तब भद्रा का वास स्वर्गलोक में रहता है। कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में चंद्रमा के स्थित होने पर भद्रा पाताल लोक में होती है।
राखी बांधने का ये रहेगा शुभ मुहूर्त-
श्रावण मास 2022 शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 अगस्त गुरुवार को सुबह 10:38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समापन- 12 अगस्त 2022, शुक्रवार, सुबह 07:06 मिनिट पर
रक्षाबंधन 2022 में भद्रा काल- 11 अगस्त 2022 गुरुवार को सुबह 10:38 बजे से
रक्षाबंधन 2022 में भद्रा काल का समापन- 11 अगस्त 2022, रात 8:38 पर
11 अगस्त को रक्षा बंधन 2022 का शुभ मुहूर्त- रात 8:38 से रात 09:12 तक
11 अगस्त को अभिजीत मुर्हुत एवं प्रदोषकाल में राखी बांधी जा सकती है।
इसके साथ ही चौघड़िया देखकर लाभ, अमृत की बेला में भी रक्षाबंधन मनाया जा सकता है।
12 अगस्त 2022 शुक्रवार को सुबह पूर्णिमा तिथि में एवं उदयतिथि होने के कारण भी इस दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा।