राष्ट्रपति मुर्मू ने दिया संदेश : दुनिया एक नए भारत को उभरते हुए देख रही है, मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बना मिसाल
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New Delhi News : नईदिल्ली । स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नाम अपना संबोधन दिया। राष्ट्रपति ने अपने पहले संबोधन में कहाकि भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जब कोरोना महामारी में सारी दुनिया पर संकट छाया हुआ था। तब भी भारत ने खुद को संभाला।

उन्होंने कहाकि 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था। उस दिन हमने अपनी नियति को नया स्वरूप देने का निर्णय लिया था। उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं। उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया ताकि हम सब एक स्वाधीन भारत में सांस ले सकें। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में महिलाओं के अधिकारों पर भी बात की। उन्होंने आदिवासी समुदाय के योगदान को भी याद किया।

राष्ट्रपति ने कहाकि हमने अपने देश में बनी वैक्सीन के साथ सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। जो मानव इतिहास में याद रखा जाएगा। दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार करना एक बड़ी उपलब्धि है। महामारी से जूझने में भारत के प्रयास दुनिया के विकसित देशों से काफी अच्छे रहे हैं।

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महिलाओं को शुरु से ही मिला मतदान का अधिकार : राष्ट्रपति ने कहाकि अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में महिलाओं को वोटिंग राइट्स हासिल करने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था। जबकि भारत ने गणतंत्र की शुरुआत से ही सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। इससे शुरुआत से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। आधुनिक भारत के निर्माताओं ने प्रत्येक वयस्क नागरिक को राष्ट्र-निर्माण की सामूहिक प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्रदान किया।

बेटियों से देश को काफी उम्मीदें : राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहाकि हमारे देश की कई उम्मीदें बेटियों पर टिकी हुई हैं। हमारी बेटियां मौका मिलने पर शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं। आज वह फाइटर पायलट से लेकर स्पेस साइंटिस्ट तक हर काम में सफलता अर्जित कर चुकी है।

उन्होंने कहाकि भारत के नए आत्मविश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं। महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी। पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से भी ज्यादा है।

देश के नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करें : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नागरिकों से आग्रह करते हुए कहाकि वे अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जाने और उनका पालन करें। ताकि राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सके। देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ-व्यवस्था तथा इनके साथ जुड़े अन्य क्षेत्रों में जो अच्छे बदलाव दिखाई दे रहे हैं उनके मूल में सुशासन पर विशेष बल दिए जाने की प्रमुख भूमिका है।

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