दतिया-भांडेर. सोमवार 5 अक्टूबर को मंडी प्रांगण भांडेेेर में कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह बरैया के समर्थन में हुई आमसभा में अनुमति से ज्यादा लोगों की उपस्थिति को धारा 144 एवं कोविड 19 के संदर्भ में उच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन मानते हुए रिटर्निंग ऑफिसर एवं एसडीएम भांडेर अरविंद सिंह माहौर द्वारा भांडेर थाने में कांग्रेसियों पर मामला दर्ज किए जाने संबंधी आवेदन देने पर पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ सहित 8 लोगों के विरुद्ध नामजद एवं अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं सहित 188, 269, 270, 51ख आपदा प्रबंधन अधि. 2005 के तहत प्रकरण पंजीबद्घ किया है। जिन आठ लोगों को इस मामले में नामजद आरोपी बनाया गया है उनमें पूर्व सीएम कमल नाथ, कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह बरैया, जिलाध्यक्ष कांग्रेस दतिया नाहर सिंह यादव, रामपाल सिंह, नारायण सिंह, रामकुमार तिवारी, राधेलाल, बृजलाल शिवहरे शामिल हैं।
विभिन्न रिपोर्टों को बनाया एफआईआर का आधार
रिटर्निंग ऑफिसर माहौर ने पुलिस को जो आवेदन दिया है उसमें उन्होंने विभिन्न स्रोतों का हवाला देकर धारा 144, कोविड19 और उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर का सभा में अधिकतम शामिल 100 व्यक्तियों की अनुमति के उल्लंघन के अलावा सभा के दौरान एफएसटी, वीएसटी, एसएसटी तथा बीएमओ द्वारा दी गई रिपोर्ट एवं विभिन्न रिकॉर्डिंग्स के आधार पर कांग्रेसियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। यह प्राथमिकी सोमवार को ही दर्ज होनी थी, लेकिन आवेदन की तकनीकी खामी युक्त शब्दावली के चलते सोमवार देर रात साढ़े ग्यारह बजे थाने से पत्र वाहक को पुलिस ने आवेदन सहित यह कहते हुए लौटा दिया था कि सुधार के उपरांत ही एफआईआर दर्ज की जाएगी। जिसके चलते अगले दिन मंगलवार को यह प्राथमिकी दर्ज की जा सकी।
कांग्रेस ने कहा द्वेष भावना से की गई कार्रवाई
पूर्व सीएम एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ सहित अन्य कांग्रेसियों पर दर्ज की गई प्राथमिकी पर जिलाध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने कहा कि प्रशासन की यह कार्रवाई द्वेष भावना से भाजपा के इशारे पर की गई है। उन्होंने कहा कि स्टेंडिंग कमेटी की बैठक में तय दिशा-निर्देशों के तहत हमने पूर्व सीएम कमलनाथ की सभा के लिए मंडी प्रांगण की वैधानिक अनुमति ली थी। यदि उच्च न्यायालय का कोई नया आदेश जारी हुआ था तो प्रशासन को पुनः स्टेंडिंग कमेटी की बैठक बुलानी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हालांकि हमने रिटर्निंग ऑफिसर भांडेर की शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग को कर दी है।