मुंबई : टीवी शो ‘अनुपमा’ में चल रहे मौजूदा ट्रैक से सभी दर्शकों को ड्रामा और एंटरटेनमेंट की फुल डोज मिल रही है। शो में अनुज की स्थिति अब तक खराब है जबकि वनराज को होश आ गया है और वह वॉकर के सहारे चलने लग गया है। लेकिन अनुज अब भी बिस्तर पर है और बेहोश है। अनुपमा अब अनुज का जन्मदिन और उसे घर ले आई है और वह उसका जन्मदिन और जन्माष्टमी सेलिब्रेट करने की तैयारी कर रही है।
अनुज दे रहा है पॉजिटिव रिएक्शन
एपिसोड की शुरुआत डॉक्टर द्वारा अनुज के चेकअप से होती है और वह अनुपमा को बताता है कि अनुज बेहद कम होश में है। लेकिन वो अपने आस-पास की चीज़ों को सुन, देख और फील कर सकता है।

डॉक्टर ने अनुपमा को बताया कि अनुज पॉजिटिव रिएक्शन दे रहा है और वह जल्द ही ठीक हो जाएगा, उसे बस उसकी पूरी देखभाल करने की आवश्यकता है।

डॉक्टर ने कहा कि अनुज के जल्दी ठीक होने के लिए उसके चारों ओर केवल खुशी हो। अनुपमा उसे और भगवान को धन्यवाद देती है और पूछती है कि क्या वो अनुज को उसका जन्मदिन और जन्माष्टमी मनाने के लिए नीचे ले जा सकती है। डॉक्टर उसे इजाजत देते हैं।
अनुपमा ने लगाई बरखा की क्लास
इसके बाद अनुपमा फोन पर अनुज के एक सहयोगी से कहती है कि वह अपनी प्रोजेक्ट फाइल और मेल भेजकर पहले चेक करें और फिर उसे पास करे।
छोटी अनु कान्हाजी की ड्रेस में अनुपमा के सामने आती है और उससे पूछती है कि क्या नानू यानि कि हसमुख की फैमिली उनसे मिलने आएगी। अनुपमा उसके जवाब में चुप रहती है।
फिर बरखा अनुपमा के पास जाती है और कहती है कि वह शाह फैमिली को बुला सकती है क्योंकि वनराज उससे मिलने के लिए उत्सुक है।
बरखा आगे कहती हैं कि वह नौकरों को भी शामिल कर सकती हैं। इसपर अनुपमा उसे अपनी जुबान पर लगाम लगाने की चेतावनी देती है वरना जन्माष्टमी उसके लिए दुर्गाष्टमी में बदल जाएगी।
शाह निवास पहुंची पुलिस
हसमुख को अनुपमा का फोन आता है कि दोनों परिवार पहली बार अलग-अलग जन्माष्टमी का त्योहार मना रहे हैं, लेकिन उनके दिल एक साथ हैं।
वनराज मन ही मन बेचैन होने पर अनुज से मिलने जाने का मन बना रहा है। वनराज मन में सोचता है कि वो किसी भी कीमत पर अनुज से मिलना चाहता है। तभी पुलिस शाह निवास पहुंचती है।
सभी को लगता है कि पुलिस वनराज के लिए आई है लेकिन तभी इंस्पेक्टर कहता है कि वह यहां श्री सुंदरलाल शाह से मिलने आया है। तब सभी राहत की सांस लेता है और हसमुख पुलिस को बताता है कि सुंदरलाल अगली गली में रहता है।
काव्या ने की वनराज को खुश करने की कोशिश
अनुपमा अनुज को कान्हाजी की ड्रेस में तैयार करती है। इधर काव्या वनराज पर एक मुकुट लगाती है और कहती है कि वह उसका कान्हा है और वह उसकी राधा है।
वनराज कहता है कि वह मूड में नहीं है। काव्या उसे खुश करने की कोशिश करती है, लेकिन वनराज अनुपमा के शब्दों को याद करते हुए चुपचाप दरवाजे की तरफ देखता है।
लीला भी उसे खुश करने की कोशिश करती है। शाह परिवार इधर वनराज को खुश करने के लिए जन्माष्टमी का खेल खेलते हैं। वहीँ अनुपमा की बातों से अनुज की आंखों में आंसू आ जाते हैं।
प्रीकैप: अनुपमा डांस करती है उसके बाद वनराज आता है और अनुज से माफी मांगता है। बरखा उस पर चिल्लाती है कि वह विक्टिम के रूप में काम करना बंद कर दे। अनुपमा उसे अनुज के बर्थडे के दिन अपना ड्रामा बंद करने की चेतावनी देती है।