बाढ़ प्रभावित गांव और शहरों में 48 घंटे में करें व्यवस्था : मुरैना-भिंड क्षेत्र में सीएम ने पहुंचकर देखे हालात, पीड़ितों से मिले

Bhopal News : भोपाल । मुरैना, भिण्ड और श्योपुर के लगभग 100 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। संकट, मुश्किल और परेशानियां भी हैं, लेकिन इससे घबराने की जरुरत नहीं है। इस घड़ी में सरकार प्रभावितों को हर संभव मदद करेगी। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान कही। उन्होंने कहाकि प्रभावितों को राहत कैम्पों में लाकर उनकी सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। प्रभावित क्षेत्रों में जो भी नुकसान हुआ है उसका सर्वेक्षण करा कर भरपाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान बुधवार की देर शाम हैलीकॉप्टर से मुरैना पहुंचे। मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर अम्बाह के समीप ग्राम कुथियाना पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यहां राहत कैम्पों में रह रहे लोगों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पूरी सरकार और मैं स्वयं भी संकट की इस घड़ी में खड़ा हूं। हर नुकसान की भरपाई की जाएगी।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जल्दी होगा सर्वेक्षण : मुख्यमंत्री ने कहाकि प्रभावितों की मदद के लिए स्थायी और अस्थायी रूप से कार्य किए जाएंगे। शीघ्र ही जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्वेक्षण का कार्य पूरी संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ किया जाए। सर्वेक्षण में न केवल मकान बल्कि पशु, खाद्य सामग्री एवं फसल का भी सर्वेक्षण कराया जाए। सर्वेक्षण के आधार पर जो भी नुकसान का आंकलन होगा वह प्रभावितों को राज्य सरकार प्रदान करेगी।

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ऊंचे स्थानों पर बसाए जाएंगे गांव : मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन गांवों में हर वर्ष या बार-बार बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, उन गांव के निवासियों की सहमति के आधार पर उन्हें ऊंचे स्थान पर बसाने का कार्य भी किया जाएगा। ऐसे स्थानों पर लोगों को आवास निर्माण में मदद दी जाएगी। साथ ही बिजली, पानी और मूलभूत सुविधाएं भी सरकार मुहैया कराएगी। उन्होंने कहाकि केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से भी चर्चा हुई है। केंद्र और प्रदेश सरकार मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने मुरैना जिले के प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह से कहाकि वे ऐसे बाढ़ प्रभावित गांव जहां बार-बार बाढ़ का पानी भर जाता है, उन्हें ऊंचे स्थान पर बसाने के लिए आम सहमति बनाने की कार्रवाई प्रशासन के सहयोग से कराएं। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से कहा कि बाढ़ का पानी जब तक उतर नहीं जाता है, तब तक राहत कैम्पों में ही रहें।

प्रभावित क्षेत्रों में 48 घंटे में व्यवस्थाएं पुनर्स्थापित की जाए : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर बारिश कम हो गई है। अति-वृष्टि और बाढ़ से निर्मित स्थिति नियंत्रण में है। बाढ़ का पानी उतरते ही सभी प्रभावित गाँव और शहरों में 48 घंटे में व्यवस्था पुनर्स्थापित की जाए।

साफ-सफाई, पेयजल और बिजली आपूर्ति की व्यवस्था बहाल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। राहत और पुनर्वास के कार्य भी तत्काल आरंभ हों। मुख्यमंत्री बाढ़ से हुई क्षति की व्यवस्थाओं को पुनर्स्थापित करने की कार्य-योजना तैयार करने के बारे में आज सुबह निवास कार्यालय पर बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम जनता को बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए हैं। यह सुनिश्चित करें कि हमारे कार्य से जनता में संतोष का भाव उत्पन्न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल और बिजली आपूर्ति बहाल करने, क्षतिग्रस्त सड़कों, टूटे पुल-पुलिया सुधारने और स्वच्छता के लिए युद्ध स्तर पर कार्य आरंभ किया जाए। बीमारी नहीं फैले इसके लिए दवा छिड़काव और स्वास्थ्य परीक्षण आदि की व्यवस्था के लिए मेडिकल टीम गठित कर प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति बहाल करने में मशीनों और आवश्यक अमले की कमी न हो। जरुरत होने पर अन्य जिलों से मशीनें और अमला उपलब्ध कराया जाए। कहीं पर भी संसाधनों की कमी नहीं आनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहाकि बाढ़ और अति-वृष्टि से मकानों, घरों के सामान, फसलों और मवेशियों के नुकसान का आंकलन संवेदनशीलता के साथ पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित करें। नुकसान के आंकलन में गरीब परिवारों के प्रति उदारता का दृष्टिकोण रखा जाए।

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