झारखंड में गरमाई सियासत : समर्थक विधायकों को लेकर निकले सीएम हेमंत सोरेन, सेंधमारी से बचने की लगातार हो रही कोशिशें

Jharkhand News : रांची । झारखंड में सियासी सरगर्मियो ने जोर पकड़ लिया है। राज्यपाल राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द कर दी है। चुनाव आयोग की ओर से आई अनुशंसा पर यह कार्रवाई की गई है। इधर अपनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में सेंध की कोशिशों को रोकने के लिए भी प्रयास तेज हो गए हैं।

इसीके चलते कांग्रेस और जेएमएम के विधायकों को बस में सवार कर छत्तीसगढ़ ले जाया गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री निवास ने 3 बड़ी लग्जरी बसों से विधायकों को ले जाया गया। जिनके साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बैठे नजर आए। उन्होंने विधायकों के साथ अपनी सेल्फी भी शेयर की है।

झारखंड में बड़ी सियासी उठापटक ने राजनीतिक गलियारों की हलचल बढ़ा दी है। वर्तमान सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन अपने समर्थक विधायकों को सेंधमारी से बचाने के लिए पूरी जोर अजमाइश कर रहे हैं।

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करीब 36 विधायकों को तीनों बसों में पुलिस सुरक्षा के साथ एक अस्थायी रिसोर्ट में ले जाया गया है। इससे पहले सीएम हाउस पर महागठबंधन के विधायकों की एक बैठक भी हुई। वहीं भाजपा ने अपने सम्पर्क में 10 विधायकों के होने की बात कहकर अटकलों को बढ़ा दिया है।

सीएम बोले हम कुर्सी के भूखे नहीं : भाजपा झारखंड के मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश में है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा का कहना है कि अगर सोरेन की विधायकी जाती है तो उनके ऊपर केस दर्ज करने पर भी फैसला लिया हा सकता है। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में जवाब देते हुए शुक्रवार देर रात एक ट्वीट भी किया।

जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकारी कुर्सी के भूखे हम लोग नहीं है। बस एक संवैधानिक व्यवस्था की वजह से आज हमें रहना पड़ता है। क्योंकि उसी के माध्यम से हम जन-कल्याण के काम करते हैं।

अब आगे क्या बनेंगे राजनीतिक हालात : इस पूरे मामले में निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद राज्यपाल बैस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कह सकते हैं। झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविन्द्रनाथ महतो को भी निर्वाचन आयोग की अधिसूचना से अवगत कराया जाएगा।

सीएम सोरेन की सदस्यता जाने के बाद राज्यपाल को झारखंड में सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्यौता देना होगा। संख्या बल के अनुसार फिलहाल जेएमएम झारखंड विधानसभा में सबसे बड़े दल के रुप में है।

ऐसे में नियम के मुताबिक सरकार बनाने का पहला मौका उसे ही मिलेगा। इधर जेएमएम ने पहले ही समर्थन पत्र पर सभी विधायकों के हस्ताक्षर करवा लिए हैं। इन विधायकों में जेएमएम और कांग्रेस दोनों के विधायक शामिल हैं। बताया जाता है कि 42 विधायकों का समर्थन पत्र तैयार कर लिया गया है।

पहले भी हो चुकी झारखंड सरकार गिराने की कोशिश : झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश पहले भी दो बार की जा चुकी है। 21 जुलाई 2021 को भी यह कोशिश हुई थी। जिसमें कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी।

पुलिस पूछतांछ में पकड़े गए आरोपियों ने बताया था कि सरकार गिराने की साजिश में प्रदेश के 3 विधायक, 2 पत्रकार और दलाल शामिल थे। वहीं 30 जुलाई 2022 को 45 लाख कैश के साथ कांग्रेस के तीन विधायक को हावड़ा में गिरफ्तार किया गया था। इनके खिलाफ कांग्रेस के ही विधायक अनूप सिंह ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

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