एपिसोड की शुरुआत में पाखी और विराट के विनायक की तबियत को लेकर फिक्रमंद होते है। उसे दर्द में देखकर पाखी उसे दवा देती है लेकिन वह लेने से इनकार कर देता है। वह उसे सवी की मां द्वारा दिए गए मरहम को लाने के लिए कहता है
और कहता है कि वह केवल उसे ही लगाएगा। पाखी विनायक के बैग से मरहम लाने जाती है तभी वहां राखी साई और सावी की तस्वीर वहां से उड़ जाती है और पाखी उसे देख नहीं पाती है।
जगताप सिखाएगा सावी के किडनैपर्स को सबक
इधर सावी को एक पुलिस वाले की तरह व्यवहार करते हुए देख जगताप खुश होता है। उसी समय सावी अपने अपहरण के बारे में बताती है, जबकि जगताप इसके बारे में जानकर गुस्सा हो जाता है और गुंडों के साथ-साथ हमले के मास्टरमाइंड को भी सबक सिखाने का फैसला करता है। दूसरी तरफ विराट पाखी को दवा लेना भूल जाने पर वह उसे अपनी हेल्थ का ध्यान करने के लिए कहता है।
विराट ने किया पाखी से वादा
पाखी विराट पर गुस्सा करते हुए कहती है कि जब विनायक उसके साथ कुछ भी शेयर नहीं करता है तो उसे कैसा लगता है और अब विराट ने भी उसे अपने बेटे के बारे में बताना बंद कर दिया है। विराट अपनी गलती को सुधारने का वादा करता है।
फिर वह सावी के बारे में बताता है और मुस्कुराता है कि उन्होंने सावी के साथ कितने मजे किए। पाखी उस समय को याद करते हैं जब साई और विराट ने अपनी बेटी का नाम सावी रखने का फैसला किया था और फिर उसे इसके बारे में बताया, जिसपर विराट फ्लैशबैक में गया।
फिर हुई गुलाबराव और साई की भिड़त
साईं के घर में गुलाबराव पहुँचता है और कहता है कि वह भगवान का आशीर्वाद लेने आया था और उसके सामने प्रार्थना करता है। इसके बाद गुलाबराव साई को अस्पताल बनाने के अपने सपने को छोड़ने के लिए कहता है और इसके लिए उसे रिश्वत देता है।
वह उस पर गुस्सा हो जाती है और जाने के लिए कहती है। वह अपना फैसला बदलने से इनकार कर देती है। गुलाबराव उसे वार्निंग देता है।
च्वहाण निवास में पाखी मोहित से बिजनेस डील के बारे में सवाल करती है जिसपर वह आ रही मुश्किलों के बारे में बताता है। वह उसे रेट कम नहीं करने के लिए कहती है, जिसपर ओमकार असहमत होता है और घोषणा करता है कि उन्हें अपने कस्टमर्स को खुश करना होगा।
पाखी ओमकार बात नहीं मानती और कहती है कि इससे उन्हें आगे चलकर में नुकसान हो सकता है, जिसपर मोहित उससे सहमत हो जाता है।
प्रीकैप: – भवानी कहती है कि विनायक को एक भाई या बहन की जरूरत है, क्योंकि वह सावी का नाम रटता रहता है। यह सुनकर विराट-पाखी चौंक जाते है तभी सावी विनायक को फोन करती है जिसपर साईं सवाल करती है कि वह देर रात किसे फोन कर रही है।