एपिसोड की शुरुआत में जगताप गुलाबराव और उसके गुंडों का सामना करते हुए उन्हें साईं और सावी से दूर रहने के लिए कहता है, जिसपर वे हंसते हैं और उसके साथ उसके रिश्ते के बारे में पूछता है।
जगताप भी उनके साथ हंसता है और कहता है कि उन्हें इसके बारे में जानने की जरूरत नहीं है। वह गुलाबराव को सावी को परेशान न करने की वॉर्निंग देता है और धमकी देता है कि अगर वह फिर से उनके साथ कुछ करेगा है तो वह उसे सबक सिखाएगा।
साई ने जगताप को दी दूर रहने की सलाह
इसके बाद साईं वहां आ जाती है। वह उससे कहती है कि वह सम्राट की हत्या के लिए उसे माफ नहीं कर सकती, लेकिन कहती है कि वह खुश है कि उसने जेल के अंदर अपनी सजा पूरी की है। साईं जगताप को अपने परिवार से दूर रहने के लिए कहती है,
जिसपर वह सिर हिलाता है और वहां से चला जाता है। इधर करिश्मा खाना बनाते समय भी अपने फोन को देखती रहती है, तभी पाखी वहां आ जाती है और खाना बनाने लगती है।
अश्विनी ने जताई पाखी के लिए चिंता
फिर अश्विनी पाखी के पास आकर विराट और पाखी के रिश्ते के लिए अपनी चिंता दिखाती है। उसे याद आता है कि कैसे विराट को साई की याद आती है।
अश्विनी के दिलासा देने पर पाखी कहती है कि उसका पूरा परिवार भी है जो उसे बेहद प्यार करता है और उसकी परवाह करता है इसलिए उसे भरोसा है कि विराट भी उसकी परवाह करता है। अश्विनी कहती है कि देखभाल और प्यार में अंतर होता है।
शिवानी की बात से असहज हुई पाखी
इसके बाद विराट विनायक को खाना खिलाता है। विनायक सावी की बाते करता रहता है और उसकी माँ की प्रशंसा करता है, जिसपर भवानी विराट और पाखी से विनायक को एक भाई/बहन देने की सलाह देती है। शिवानी भी पाखी को भी इसके बारे में सोचने के लिए कहती है, जिसपर पाखी असहज हो जाती है।
इधर सावी को विनायक की याद आती है और वह साई को इसके बारे में बताती है। इसके बाद सावी उषा का फोन लेकर विनायक को वीडियो कॉल करती है। दोनों एक दूसरे को देखकर खुश हो जाते है और बाते करते हैं।
विराट भी सावी से बात करता है, तभी साई भी वहां आ जाती है लेकिन सावी उसे देख नहीं पाती है। इस बीच नेटवर्क खराब हो जाता है और बात पूरी नहीं हो पाती है।
प्रीकैप :- विराट और पाखी का झगड़ा हो जाता है। वह कहता है कि उसने उसे अपनी पत्नी के रूप में कभी अधिकार नहीं दिया, जिसपर वह विराट उसे देखती है। इधर साईं उषा से कहती है कि विराट उसे खोजने कभी नहीं आएगा।