Bhopal News : भोपाल । प्रदेश की शालाओं में अध्ययनरत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शासकीय शालाओं के साथ शासकीय मान्यता प्राप्त सभी अशासकीय और अनुदान प्राप्त शालाओं में 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर की जाएंगी। साथ ही इन शालाओं में आंतरिक मूल्यांकन भी नियमित रूप से सुनिश्चित कराया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहाकि बच्चों का भविष्य गढ़ने का दायित्व शिक्षकों पर है। शिक्षक बच्चों को जैसा गढ़ेगें, वैसा ही देश और प्रदेश का निर्माण होगा। भारत के भाग्य विधाता विद्यार्थी हैं और विद्यार्थियों के निर्माता शिक्षक हैं। शिक्षकों के सम्मान और उन्हें प्रणाम करने के उद्देश्य से ही यह कार्यक्रम किया गया है।
भोपाल के बीएचईएल दशहरा मैदान में हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह मांडवे और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार उपस्थित थे। सरस्वती वंदना और मध्यप्रदेश गान के बाद मुख्यमंत्री चौहान द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और कन्या-पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश शिक्षण-प्रशिक्षण नीति और विभागीय परिसंपत्तियों के संधारण संबंधी मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहाकि भारत की संस्कृति “गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पाय – बलिहारी गुरू आपने, गोविन्द दियो बताय” के विचार को व्यवहार में लाने वाली संस्कृति है। गुरू हमारे लिए सर्वोपरि हैं। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के सम्मान में माथा टेक कर अपना संबोधन आरंभ किया। उन्होंने कहाकि राज्य शासन शिक्षकों का मान-सम्मान बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
विद्यार्थियों की प्रतिभा के सम्पूर्ण प्रकटीकरण का दायित्व शिक्षकों पर है। शिक्षक नौकर नहीं, बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले गुरू हैं। उनके मार्गदर्शन और उनके द्वारा दी गई शिक्षा का ही परिणाम होता है कि व्यक्ति, समाज के पथ प्रदर्शन में सक्षम हो जाता है।
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कहा कि शिक्षक की कार्यशैली और उनका व्यवहार विद्यार्थियों के लिए आदर्श होता है। शिक्षकों का कर्त्तव्य है कि वे अपना संपूर्ण समर्पण, शाला और समाज को प्रदान करें और अपने विद्यार्थियों को सर्वोत्तम ज्ञान, संस्कार उपलब्ध कराने के लिए हर-संभव प्रयास करें। मंत्री श्री परमार ने नवनियुक्त शिक्षकों को नए दायित्व में सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने भी संबोधित किया। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी तथा प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण पल्लवी जैन गोविल उपस्थित थी। प्रशिक्षण-सत्र में टी.जी. नियोगी ने “नई शिक्षा नीति शिक्षक के संदर्भ में”, डॉ. एस. बी. ओझा ने “शालेय शिष्टाचार” और के.के. पाराशर ने “मूल्यांकन” विषय पर शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान किया।