लंपी रोग के संक्रमण ने पकड़ी रफ्तार : उनाव सहित आधा दर्जन गांवों में मिला संक्रमित गौवंश, 1 हजार को लगाए टीके

Datia News : दतिया। गौवंश में फैलने वाली लंपी स्किन डिसीज उनाव तक पहुंच गई है। उनाव क्षेत्र में इससे संक्रमित पशु सामने आए हैं। इसके बाद इस क्षेत्र के भी पांच किमी की परिधि में वैक्सीनेशन तेज करने के साथ अन्य आवश्यक उपाय शुरू कर दिए गए हैं। सेवढ़ा अनुभाग से शुरू हुए इस रोग के लक्षण अब दतिया तहसील के उनाव क्षेत्र तक पहुंच गए हैं।

अभी तक करीब 7 गायों में इस रोग के लक्षण देखने को मिले हैं। इन सभी गायों को आइसोलेट कर उपचार किया गया है। जिसमें से दो गाय उपचार उपरांत स्वस्थ्य भी हो चुकी है। लंपी स्किन डिसीज से प्रभावित गायों में सेवढ़ा तहसील के डिरौलीपार, नीमडांडा, किटाना में एक-एक गाय में, दतिया तहसील की उनाव की दो गाय, कामद में 1 गाय, कटीली की 1 गाय इस रोग से ग्रसित होने वाले गौवंश में शामिल है।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक डा.राकेश शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि विभागीय अमले द्वारा उक्त ग्रामों के पांच किलोमीटर के अंदर रिंग वैक्सीनेशन प्रक्रिया के साथ लंपी स्किन डिसीज के टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। अभी तक 1 हजार 11 पशुओं में लंपी स्किन डिसीज के टीके लगाए जा चुके है।

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रोग के यह नजर आते हैं लक्षण : लम्पी स्किन डिसीज पशुओं की एक वायरल बीमारी है, जो कि पॉक्स वायरस द्वारा पशुओं में फैलती है। यह रोग मक्खी, मच्छर एवं टिक्स द्वारा भी एक पशु से दूसरे पशुओं में फैलता है। इस रोग के शुरूआत में हल्का बुखार दो से तीन दिन के लिए रहता है। उसके बाद पूरे शरीर के चमड़ी में गठानें (2-3 सेमी) निकल आती है।

यह गठान गोल उभरी हुई होती है। जो कि चमड़ी के साथ-साथ मसल्स की गहराई तक जाती है। इस बीमारी के लक्षण मुंह, गले, श्वास नली तक फैल जाते हैं। रोग के अत्याधिक बढने पर कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है। अधिकतर संकमित पशु 2-3 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। लेकिन उनकी दुग्ध उत्पादकता में कमी कई सप्ताह तक बनी रहती है। मृत्यु दर 1-2 प्रतिशत है। लेकिन संक्रामकता की दर 10-20 प्रतिशत रहती है। लम्पी स्किन डिसीज बीमारी गायों से मनुष्यों में नहीं फैलती है।

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